
बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद विपक्ष लगातार राज्य हो रहीं आपराधिक घटनाओं को लेकर हमलावर बना हुआ है. ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने क्राइम के मसले पर अधिकारियों के साथ अहम बैठक की है. उन्होंने अधिकारियों को क्राइम पर अंकुश लगाने के लिए सख्त निर्देश दिए हैं. सीएम ने कहा कि क्राइम को कम करने के लिए किसी भी तरह के संसाधन अमल में लाएं, लेकिन कानून व्यवस्था में कोताही ना बरतें.
राज्य में गंभीर आपराधिक घटनाओं में की गई कार्रवाई के संबंध में अपर पुलिस महानिदेशक मुख्यालय प्रेस को प्रतिदिन अवगत कराता है. इस पर सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि प्रदेश में होने वाली घटनाओं और पुलिस ब्रीफिंग की जानकारी रोजाना मीडिया को दी जाए, ताकि लोगों तक सच पहुंच सके.
एक्टिव मोड में रहें थाने
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों से कहा कि राष्ट्रीय मानक के अनुरूप प्रति एक लाख की आबादी पर बिहार में पुलिसकर्मियों के स्वीकृत पदों की संख्या में बढ़ाने के लिए तेजी से काम करना होगा. सभी थानों में लैंडलाइन फोन फंक्शनल रहें. इसके लिए मुख्यालय से निगरानी होती रहे.
जांच में तेजी लाएं
सीएम ने कहा कि अपराध की जांच में हमेशा की तरह तेजी लाई जाए. किसी भी क्राइम की घटना में जांच समय से पूरी की जाए. ताकि दोषियों पर समय से कार्रवाई हो सके. उन्होंने कहा कि गश्ती व्यवस्था अपराध रोकने में कारगर होती है, इसकी निगरानी करें.
बैठकों को गंभीरता से लें
साथ ही मुख्यमंत्री ने बैठक में जमीन से संबंधित विवाद और आपसी विवाद खत्म करने के लिए महीने में एक बार जिलाधिकारी और एसपी के साथ 15 दिनों में एक बार एसडीओ और एसडीपीओ की ओर से होने वीला बैठक को गंभीरता से लें. इसके अलावा सप्ताह में एक दिन अंचलाधिकारी और थानाध्यक्ष नियमित रूप से होने वाली बैठकों में समस्याओं का हल निकालें. इन बैठकों में समस्या से अधिकारी अवगत होते हैं. इसके जरिए समस्याओं का निस्तारण करें. हर हाल में अपराध के अलावा भूमि विवादों में कमी लाएं.