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बिहार में राजनीतिक जमीन तलाशने की कोशिश में जुटी कांग्रेस, शुरू करेगी एक और पदयात्रा

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि 'भारत जोड़ो यात्रा' की तर्ज पर कांग्रेस 28 दिसंबर से बिहार में राज्यव्यापी पदयात्रा शुरू करने जा रही है. बिहार में करीब 1,200 किलोमीटर लंबा मार्च बांका जिले से शुरू होगा और बोधगया में समाप्त होगा. इसमें राज्य के 17 जिले शामिल होंगे.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश (फाइल फोटो) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • पटना,
  • 13 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 11:27 PM IST

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने रविवार को कहा कि 'भारत जोड़ो यात्रा' की तर्ज पर कांग्रेस 28 दिसंबर से बिहार में राज्यव्यापी पदयात्रा शुरू करने जा रही है. उन्होंने कहा कि भाजपा के सांप्रदायिक एजेंडे के खिलाफ 1,200 किलोमीटर लंबा मार्च बांका जिले से शुरू होगा और बोधगया में समाप्त होगा. इसमें राज्य के 17 जिले शामिल होंगे.

हालांकि, राहुल गांधी के बिहार में राज्यव्यापी पदयात्रा में भाग लेने की संभावना नहीं है. जयराम रमेश ने पार्टी सहयोगी दिग्विजय सिंह के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'भारत जोड़ो यात्रा ने भाजपा को अस्थिर कर दिया है, जिसने घटिया और बचकाना ध्यान भटकाने वाली रणनीति का सहारा लिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित भगवा पार्टी का शीर्ष पायदान राहुल गांधी की पदयात्रा से चिंतित है.' 

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तमाम वरिष्ठ नेता होंगे शामिल

दिग्विजय सिंह ने कहा कि बिहार में कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेता, मंत्री और विधायक राज्यव्यापी पदयात्रा में हिस्सा लेंगे. हालांकि बिहार में कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि राहुल गांधी 'भारत जोड़ो यात्रा' के प्रस्तावित पूर्व-पश्चिम दूसरे चरण के दौरान राज्य का दौरा करेंगे.

भारत जोड़ो यात्रा पर राहुल गांधी

बता दें कि इससे पहले से भी कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 7 सितंबर से तमिलनाडु के कन्याकुमारी में 'भारत जोड़ो यात्रा' की शुरुआत की हुई है. वह 150 दिनों में 12 राज्यों में लगभग 3,500 किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए निकले हैं.

बिहार में PK की यात्रा

गौरतलब है कि चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर इन दिनों जन सुराज अभियान के तहत बिहार के तमाम जिलों का दौरा कर रहे हैं. इस यात्रा को लेकर PK और उनके साथियों का कहना है कि हम जनसुराज के माध्यम से जनसुराज यानी जनता का राज लाना चाह रहे हैं ताकि हर नागरिक को उनके अधिकार मिल सकें. जनसुराज की पहली प्राथमिकता बिहार में पलायन कर चुके लोगों को अपने गृह राज्य में बुलाकर उनके रोजगार की समुचित व्यवस्था करना व पलायन रोकना है. उन्हें वापस बिहार में लाकर 15 से 20 हजार तक के रोजगार की समुचित व्यवस्था करना हमारा पहला उद्देश्य है.

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