
कोरोना संकट के बीच केंद्र सरकार ने बिहार और महाराष्ट्र की तरफ से कोरोना के लेकर जारी किए गए रिवाइज्ड आंकड़ों के संबंध में संबंध में पत्र लिखा है. केंद्र ने बिहार से फिर से जानकारी जुटाने के लिए कहा है. महाराष्ट्र ने भी हाल ही में बताया था कि 15 दिन में 7535 मौतें हुई थी जबकि इससे पहले मौत की संख्या कम बताई गई थी जिसके बाद यह फिर से आंकड़ा भेजा गया है.
केंद्र ने बिहार और अन्य राज्यों से रोजाना के जिलेवार आंकड़े मांगे हैं. केंद्र ने बिहार और महाराष्ट्र को फिर से जानकारी जुटाने के लिए पत्र लिखा है. जिसमें कहा गया है कि अस्पताल में भर्ती किए गए मरीजों का आंकड़ा और मौत की तारीख जिलेवार क्रम में जुटाएं. केंद्र ने फैसला ऐसे में लिया है जब महाराष्ट्र और बिहार की तरफ से आंकड़ों में बदलाव की जानकारी सामने आई है.
केंद्र सरकार ने यूपी से भी आंकड़े मांगे हैं. उत्तर प्रदेश से इस बात के आंकड़े मांगे गए हैं कि नदी से निकाले गए शवों में कितनों की मौत कोरोना से हुई थी और कितने मरीजों की मौत कोरोना की वजह से नहीं हुई थी.
गौरतलब है कि बुधवार को बिहार के स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने प्रेस कांफ्रेंस करते हुए ये जानकारी दी कि अब तक मौतों का जो आंकड़ा 5424 बताया गया था, वो गलत है जबकि असली आंकड़ा 9375 (7 जून तक) है. दरअसल, 18 मई को ही राज्य सरकार ने कोरोना से होने वाली मौतों के आंकड़ों को लेकर जांच कराने का निर्णय लिया था. इसके लिए दो तरह की टीमें बनाई गई थीं, जिनकी जांच रिपोर्ट में ये लापरवाही सामने आई.