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दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित मरकज के लगभग 700 जमातियों में कोरोना वायरस की पुष्टि होने के बाद विभिन्न राज्यों ने जमात में शामिल हुए अपने राज्यों के नागरिकों की पहचान के लिए अभियान छेड़ रखा है. जमातियों को चिह्नित कर उनकी जांच कर आइसोलेशन वार्ड भेजा जा रहा और क्वारनटीन किया जा रहा है.
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बिहार के भी 160 से अधिक लोगों के जमात में शामिल होने के बाद वापस लौटने की खबर आई थी. अब चर्चा यह भी है कि बिहार मदरसा बोर्ड के चेयरमैन कय्यूम अंसारी भी निजामुद्दीन के मरकज गए थे. अंसारी जमात में शामिल हुए थे और वहीं नमाज भी पढ़ी थी. वह 21 मार्च को पटना लौटे और उन्होंने मरकज जाने की जानकारी छिपाई.
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दिल्ली से वापस लौटने के बाद अंसारी ने बोर्ड की बैठक भी की थी. हालांकि, बिहार मदरसा बोर्ड के चेयरमैन कय्यूम अंसारी ने खुद को लेकर आ रही इस खबर का खंडन किया है. उन्होंने निजामुद्दीन के मरकज में 20 मार्च को नमाज पढ़ने की खबरों का खंडन किया है. अंसारी ने कहा कि 20 मार्च को वो दिल्ली में थे. उससे एक दिन पहले 19 मार्च को वे देवबंद में थे.
बिहार मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा कि 21 मार्च को वे दिल्ली से पटना लौटे. गौरतलब है कि कय्यूम अंसारी ने दिल्ली से लौटने के बाद न तो कोरोना की जांच कराई, ना ही खुद को होम क्वारनटीन किया या अन्य सावधानियां बरतीं. गौरतलब है कि निजामुद्दीन के मरकज के 162 जमातियों के बिहार पहुंचने की चर्चा है.
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प्रशासन की ओर से दावा किया जा रहा है कि इनमें से 126 जमातियों की पहचान कर ली गई है. बता दें कि निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात के मरकज से 2000 से अधिक लोगों को निकाला गया था. इनमें से कई में कोरोना की पुष्टि भी हुई है.