
बिहार में कोरोना का प्रकोप दिनों दिन बढ़ता जा रहा है. बिहार सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक बीते 24 घंटे में कोरोना के 11801 नए मामले सामने आए हैं, जिसके बाद बिहार में कुल एक्टिव कोरोना मरीजों की संख्या 89660 तक पहुंच गई है. अगर यही रफ्तार रही तो अगले 24 घंटों में ये आंकड़ा एक लाख के पार पहुंच जाएगा. बिहार में कोरोना से अब तक 2222 लोगों की मौत हो चुकी है. बीते 24 घंटे में 67 लोगों ने कोरोना के चलते जान गंवाई है. सूबे में रिकवरी रेट 77.88 फीसदी है.
एक तरफ बिहार में कोरोना संक्रमण को लेकर सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उच्च स्तरीय बैठक की और कोरोना का इलाज कर रहे सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में बेड की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया. वहीं दूसरी ओर लगातार बढ़ रहे कोरोना मरीजों की वजह से अस्पतालों में बेड के लिए भी किल्लत अभी भी जारी है. मरीजों को जरूरी दवाइयां नहीं मिल रही और अस्पतालों से ऑक्सीजन की कमी की शिकायतें मिल रही हैं.
इन सबके बीच सोमवार को पटना के जिलाधिकारी ने 90 निजी अस्पतालों की एक लिस्ट जारी की. अपने आदेश में DM ने कहा कि सरकारी अस्पतालों के अलावा सिर्फ इन्हीं 90 निजी अस्पतालों को कोरोना मरीज भर्ती करने की इजाजत होगी. अगर इनके अलावा कोई दूसरा अस्पताल कोरोना के मरीज भर्ती करता है तो उसपर कानूनी कार्रवाई होगी.
बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने आजतक से बातचीत में ये स्वीकार किया कि राज्य में स्थिति अब गंभीर हो रही है. हालांकि स्वास्थ्य मंत्री ने राज्य में लॉकडाउन को अंतिम विकल्प बताया. लेकिन साथ ही ये भी कहा कि सरकार जरूरत के मुताबिक उचित निर्णय लेगी. मंगल पांडेय ने कहा कि पिछले 5-6 दिनों में बिहार में कोरोना के मामले तेजी से बढ़े हैं. जहां पूरे देश में पॉजिटिविटी रेट 19 फीसदी से ज्यादा है, वहीं बिहार में ये 11 फीसदी है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि बिहार का पॉजिटिविटी रेट भले ही देश से कम हो, लेकिन 11 फीसदी फिर भी ज्यादा है.
मंगल पांडेय ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर में पूरे देश में रिकवरी रेट में गिरावट आई है. बिहार में जब रिकवरी रेट 99 फीसदी था तब पॉजिटिव मामले 300 से भी कम थे. अब मामले 85 हजार हो चुके हैं और रिकवरी रेट 77 फीसदी हो गया है.
अस्पतालों से आ रही ऑक्सीजन की कमी की शिकायतों पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार इसके लिए प्रयास कर रही है, मुख्यमंत्री के नेतृत्व में पूरी टीम काम कर रही है. स्वास्थ्य विभाग उद्योग विभाग के साथ मिलकर मॉनिटरिंग कर रहा है कि कैसे ऑक्सीजन की रिफिलिंग की कैपेसिटी और ट्रांसपोर्टेशन की कैपेसिटी बढ़ाई जाए.
मंत्री ने बताया कि बीते दिनों में कई यूनिट्स में रिफिलिंग का काम शुरू हुआ है. ट्रांसपोर्टेशन के लिए अलग से टैंकर्स की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट लगाए गए हैं और स्टोरेज यूनिट बनाए जाने को लेकर मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं.
स्वास्थ्य मंत्री ने ये भी कहा कि निजी अस्पतालों में इलाज के लिए शहरों का वर्गीकरण किया गया है. किस शहर के अंदर, किस तरह की सुविधा के लिए, कितना शुल्क लेना है .ये रेट तय किया गया है. अगर कोई इससे ज्यादा चार्ज करता है तो इसकी सूचना जिला प्रशासन को दी जानी चाहिए, उसपर त्वरित कार्रवाई होगी. हालांकि मंत्री ने अब तक उनके पास व्यक्तिगत तौर पर ऐसी कोई शिकायत नहीं आने की बात कही.
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