
बिहार के कानून व्यवस्था को लेकर हमेशा सवाल उठता रहता है. कोई भी घटना हो सवाल कानून-व्यवस्था को लेकर ही विपक्ष सरकार को घेरती है. लेकिन राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो ने 2015 का जो अपराध का आंकड़ा जारी किया है, उसमें बिहार देश भर में 22 नंबर पर है यानी 21 राज्य बिहार से ऊपर है.
राष्ट्रीय स्तर पर अपराध दर में इजाफा
दरअसल राष्ट्रीय स्तर पर अपराध दर में इजाफा हुआ है. साल 2014 में जहां राष्ट्रीय अपराध दर 229.2 थी, वहीं 2015 में ये बढ़कर 234.2 हो गया, जबकि बिहार में अपराध दर में गिरावट आई है. 2014 में जहां बिहार में 174.2 की अपराध दर थी, वहीं 2015 में घटकर 171.6 हो गया है. राज्य सरकार इसको अपनी उपलब्धि बता रही है.
अपराध और कम होने का दावा
बिहार पुलिस ने इस आंकड़े को जारी करते हुए आशा जताई कि बिहार में शराबबंदी के बाद इन आंकड़ों में और कमी आएगी. बिहार पुलिस मुख्यालय के एडीजी सुनील कुमार का कहना है कि इसका असर अभी से दिखना शुरू हो गया है अप्रैल 2016 से शराबबंदी के बाद जुलाई तक अपराधों में काफी गिरावट आई है.
दिल्ली अपराध में आगे
अगर देश भर में सभी संज्ञाय अपराधों की तुलना बिहार से कि जाए तो तस्वीर कुछ ऐसी दिखती है. कुल संज्ञेय अपराधों में बिहार 9वें स्थान पर हैं जबकि महाराष्ट्र पहले मध्य प्रदेश दूसरे, राजस्थान पांचवें और दिल्ली छठे स्थान पर है. अपराध दर में भी दिल्ली पहले स्थान पर बरकरार है जबकि मध्य प्रदेश दूसरे और हरियाणा तीसरे स्थान पर है. अपराध दर के आधार पर राष्ट्रीय स्तर पर बिहार (3.1) का 12वां स्थान है जबकि झारखंड (4.6) छत्तीसगढ़ (3.6) से बिहार बेहतर स्थिति में है.
बिहार पुलिस की ओर से जारी आंकड़े इस प्रकार है:
हत्या में 12वां स्थान
डकैती में 6ठा स्थान
लूट में 15वां स्थान
गृह भेदन में 28वां स्थान
चोरी में 22वां स्थान
सामान्य अपहरण में 15वां स्थान
महिला अपराध में 26वां स्थान
बलात्कार में 30वां स्थान
सामान्य दंगा में दूसरा स्थान
साम्प्रदायिक दंगा में 10वां स्थान
राज्य के विरूद्ध अपराध में तीसरा स्थान