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बिहार, बंगाल और पूर्वोत्तर में भूकंप के झटके, तीव्रता 5.5, कोकराझार में केंद्र

बिहार और पश्चिम बंगाल के कई शहरों में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. लोग लगातार सोशल मीडिया पर भी इस बारे में जानकारी दे रहे हैं.

बिहार में दिखा भूकंप का सबसे ज्यादा असर बिहार में दिखा भूकंप का सबसे ज्यादा असर
मनोज्ञा लोइवाल/सिद्धार्थ तिवारी/इंद्रजीत कुंडू/सुजीत झा
  • नई दिल्ली/पटना/कोलकाता,
  • 12 सितंबर 2018,
  • अपडेटेड 12:32 PM IST

बिहार, पश्चिम बंगाल समेत देश के पूर्वोत्तर हिस्से में बुधवार सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए. बिहार के किशनगंज, पूर्णिया और कटिहार इलाके में भूकंप के झटके आए. बुधवार सुबह 10 बजकर 20 बजे आए इस भूकंप की तीव्रता 5.5 थी. भूकंप का केंद्र असम का कोकराझार बताया गया है.

भूकंप बिहार, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और असम में महसूस हुआ. भूकंप आने के बाद कई क्षेत्रों में हलचल मच गई. लोग अपने-अपने घरों से बाहर सुरक्षित स्थानों पर आ गए.

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बता दें कि बुधवार सुबह ही हरियाणा के झज्जर में भी भूकंप आया था. इसके अलावा अभी कुछ दिन पहले ही दिल्ली-एनसीआर में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे.

भूकंप से हिले ये क्षेत्र -

पश्चिम बंगाल, बिहार, असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, नगालैंड और सिक्किम

बिहार के इन शहरों में भूकंप -

बिहार के किशनगंज, पूर्णिया और कटिहार में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. इसके अलावा कूचबिहार, दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी में भी भूकंप को महसूस किया गया है.

आखिर क्यों आता है भूकंप? 

गौरतलब है कि धरती की ऊपरी सतह 7 टेक्टोनिक प्लेटों से मिल कर बनी है. जहां भी ये प्लेटें एक दूसरे से टकराती हैं वहां भूकंप का खतरा पैदा हो जाता है. भूकंप तब आता है जब इन प्लेट्स एक दूसरे के क्षेत्र में घुसने की कोशिश करती हैं, प्लेट्स एक दूसरे से रगड़ खाती हैं, उससे अपार ऊर्जा निकलती है और उस घर्षण या फ्रिक्शन से ऊपर की धरती डोलने लगती है.

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इस दौरान कई बार धरती फट तक जाती है, कई बार हफ्तों तो कई बार कई महीनों तक ये ऊर्जा रह-रहकर बाहर निकलती है और भूकंप आते रहते हैं, इन्हें आफ्टरशॉक कहते हैं.

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