
बिहार की राजधानी पटना के एक नामी होटल पर ईडी ने छापेमारी की है. बताया जा रहा है कि इलाहाबाद से आई ईडी की टीम ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया है. टीम ने होटल मालिक के आवास के साथ ही सीए के आवास पर भी छापा मारा. टीम यहां कुछ दस्तावेजों को खंगालने में जुटी है.
जानकारी के अनुसार, पटना में होटल मौर्या के मालिक एसपी सिन्हा के दो ठिकाने पर ED (प्रवर्तन निदेशालय) की टीम ने इस कारवाई को अंजाम दिया है. होटल मौर्या के अलावा एसपी सिन्हा के रुकनपुर स्थित आरा गार्डन आवास और रुकुनपुरा स्थित एसपी सिन्हा के CA के ठिकाने पर भी ED की टीम पहुंची है.
छापेमारी के दौरान कई दस्तावेज समेत बैंक खाते और बिजनेस से जुड़े कागजात खंगाले जा रहे हैं. इसी के साथ ईडी सिन्हा के परिजनों से भी पूछताछ कर रही है. यह कार्रवाई इलाहाबाद से आई ED की टीम ने की है.
आरजेडी के पूर्व विधायक के पटना स्थित घर पर हो चुकी है ईडी की छापेमारी
बता दें कि इससे पहले बिहार में आईआरसीटीसी घोटाला यानी जमीन के बदले रेलवे में नौकरी के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आरजेडी के पूर्व विधायक अबु दोजाना के पटना स्थित घर पर छापेमारी की थी. इसी घोटाले के सिलसिले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए लालू यादव, राबड़ी देवी, मीसा भारती सहित 14 आरोपियों को बीते माह समन जारी किया था. इन्हें 15 मार्च को कोर्ट के समक्ष पेश होने को कहा गया था.
रेलवे भर्ती घोटाला मामले में लालू यादव के करीबी व पूर्व विधायक भोला यादव और हृदयानंद चौधरी भी आरोपी हैं. आरजेडी नेता लालू यादव के ओएसडी रहे भोला यादव को सीबीआई ने बीते साल 27 जुलाई को गिरफ्तार किया था. इन्हें नौकरी के बदले जमीन लेने के रेलवे भर्ती घोटाले में आरोपी बनाया गया है. ये 2004 से 2009 के बीच तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के ओएसडी थे.
दरअसल, साल 2004 से 2009 के बीच जब लालू यादव रेल मंत्री रहे थे. उस समय इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (IRCTC) के जरिए रांची और पुरी में चलाए जाने वाले दो होटलों की देखरेख का काम अचानक सुजाता होटल्स नाम की कंपनी को दे दिया गया था. विनय और विजय कोचर इस कंपनी के मालिक थे और सुजाता होटल्स ने इसके बदले में कथित तौर पर लालू यादव को पटना में तीन एकड़ जमीन दे दी, जो बेनामी संपत्ति थी.