
लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के बंगले से बाहर किए गए पार्टी के दोनों धड़े अब नए नाम और निशान के साथ बिहार उपचुनाव में पहली बार ताल ठोकेंगे. चिराग पासवान गुट हेलिकॉप्टर पर उड़ान भरेगा तो पशुपति पारस की पार्टी सिलाई मशीन से जातिगत समीकरणों की तुरपाई करेगी.
अब लोक जनशक्ति पार्टी के दोनों धड़े अलग-अलग नामों से जाने जाएंगे. चिराग पासवान का धड़ा लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के नाम से और पशुपति पारस की अगुवाई वाला धड़ा राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के नाम से जाना जाएगा.
निर्वाचन आयोग ने चिराग पासवान की अगुवाई वाली लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) को हेलिकॉप्टर और पारस की पार्टी को सिलाई मशीन चुनाव चिह्न आवंटित किया है. अब ये दोनों इसी नाम और इसी निशान के साथ पहली बार उपचुनाव के मैदान में आमने सामने होंगे. यानी अब तक बयानबाजी और दावे-प्रतिदावे तक सीमित मुकाबला अब जनता की अदालत में होगा.
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उपचुनाव से पहले लिया फैसला
निर्वाचन आयोग ने बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को अपने निर्णय से अवगत करा दिया है. साथ ही ये ताकीद की है कि कुशेश्वर स्थान और तारापुर सीट पर उपचुनाव करा रहे रिटर्निंग ऑफिसरों को फौरन ये बता दिया जाए कि इन दोनों धड़ों के उम्मीदवारों को मान्यताप्राप्त क्षेत्रीय पार्टियों के उम्मीदवार के तौर पर माना जाए.
पिछले हफ्ते निर्वाचन आयोग ने मूल लोक जनशक्ति पार्टी के नाम और निशान पर दोनों धड़ों के दावों और विवाद तथा इसी महीने की आखिर में बिहार की दो सीटों पर उपचुनाव के मद्देनजर फैसला लिया था.
आयोग ने लोक जनशक्ति पार्टी का नाम और बंगले का निशान फ्रिज कर दोनों धड़ों को अपनी-अपनी पसंद और प्राथमिकता बताने को कहा था. दोनों ने सोमवार को अपना जवाब दाखिल किया और अब मंगलवार को आयोग ने दोनों को नाम और निशान थमा दिए.