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बिहार सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में बिहार के कोचिंग संस्थान की मिलीभगत का पता चला है. ऐसे कोचिंग संस्थान की जांच की जा रही है. इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए बिहार आर्थिक अपराध इकाई (EOU) के डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने बताया कि इस मामले की तहकीकात जारी है. इसके लिए विशेष टीम का गठन मुख्यालय स्तर से किया गया है.
कुल 74 मामले में पटना समेत जिलों के थानों में एफआईआर दर्ज की गई हैं. इसके अलावा मुख्यालय स्तर से टोल फ्री नंबर भी जारी किया गया. उससे भी काफी सूचनाएं मिली है और कार्रवाई की जा रही है. वहीं, 1 अक्टूबर को आयोजित सिपाही भर्ती परीक्षा में नालंदा से गिरफ्तार लोगों से पूछताछ और साक्ष्यों से काफी सबूत मिले हैं. साथ ही 74 मामले में इलेक्ट्रॉनिक सामान और सबूत मिले हैं. उसकी जांच साइबर फॉरेंसिक लैब में की जा रही है.
कोचिंग संस्थान की भूमिका पर की जा रही है जांच
आर्थिक अपराध इकाई के डीआईजी ने आगे बताया कि जितने भी पहले कंपटीटिव एग्जाम हुए हैं, उसमे एक संगठित गिरोह BPSC और SSC समेत कई प्रतियोगिता परीक्षाओं में सक्रिय रहे हैं. उनका भी जांच किया जा रहा है. साथ ही कोचिंग संस्थान की भूमिका की मामलों में जांच की जा रही है. कोई भी जांच के दायरे में आते हैं, उसपर कार्रवाई की जाएगी.
IIT और NIT के छात्रों के साथ जल्द साइन होगा MOU
बिहार आर्थिक अपराध इकाई के डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने यह भी बताया कि आईआईटी के स्टूडेंट और एनआईटी के स्टूडेंट को वालंटियर के तौर पर उनके साथ काम करने के लिए एक जॉइंट MOU (समझौता ज्ञापन) साइन किया जाएगा. इससे हम लोगों को उनकी क्षमता और उनके स्किल्स के बारे में जानकारी होगी और इसके बदले वो साइबर डोमेन में रिसर्च भी कर पाएंगे.