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Exclusive बिहार टॉपर्स स्कैमः सौरभ नहीं किंगपिन बच्चा राय की बेटी थी फर्जी टॉपर

नए खुलासे ने बिहार बोर्ड और बच्चा राय की मिलीभगत की पोल खोलकर रख दी है. सरकार की एफआईआर के मुताबिक इंटर का फर्स्ट टॉपर सौरभ श्रेष्ठ नहीं बल्कि शालिनी राय है, जो मामले के किंगपिन अमित सिंह उर्फ बच्चा राय की बेटी है.

इंटर का फर्स्ट टॉपर सौरभ श्रेष्ठ नहीं बल्कि शालिनी राय थी इंटर का फर्स्ट टॉपर सौरभ श्रेष्ठ नहीं बल्कि शालिनी राय थी
कुमार अभिषेक
  • पटना,
  • 08 जून 2016,
  • अपडेटेड 9:51 PM IST

बिहार में इंटरमीडिएट टॉपर्स स्कैम के सामने आने के करीब 10 दिन बाद एक और चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. अब तक तो फर्जी टॉपर्स के नाम और नंबर का खुलासा हुआ था, लेकिन इसने बिहार बोर्ड और मामले के किंगपिन अमित सिंह उर्फ बच्चा राय की मिलीभगत की पोल खोलकर रख दी है. सरकार की एफआईआर के मुताबिक इंटर का फर्स्ट टॉपर सौरभ श्रेष्ठ नहीं बल्कि शालिनी राय है, जो बच्चा राय की बेटी है.

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बोर्ड के टॉपर्स लिस्ट में शालिनी का नाम नहीं
बोर्ड ने जब टॉपर्स की लिस्ट जारी की तो उसमें शालिनी का नाम ही नहीं था. शिक्षा विभाग ने जो एफआईआर पटना के कोतवाली में दर्ज की है उसके तीसरे पेज में साफ तौर पर पहले टॉपर के नाम की जगह पर शालिनी का नाम लिखा है. दूसरे टॉपर के तौर पर सौरभ श्रेष्ठ का नाम है और चौथे टॉपर के तौर पर राहुल का नाम है.

टॉपर्स लिस्ट में बोर्ड ने शालिनी का नाम क्यों नहीं दिया?
दरअसल पहले से ही रडार पर मौजूद विशुन राय कॉलेज के सर्वेसर्वा अमित सिंह उर्फ बच्चा राय की बेटी ने इंटर में भी टॉप किया था, लेकिन उसका नाम आते ही हंगामा मच जाता. इसलिए उसके नाम को छुपा दिया गया. टॉपर्स लिस्ट के दूसरे नाम यानी सौरभ श्रेष्ठ के नाम से शुरू हुई.

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'आज तक' के खुलासे के बाद जब अधिकारियों ने जांच शुरू की तो पाया कि शालिनी को न सिर्फ सबसे ज्यादा नंबर मिले हैं बल्कि वो साइंस टॉपर भी है. बेटी का नाम आते ही हंगामा हो जाता इसलिए उसका नाम दबा दिया गया.

एफआईआर की शुरुआत में ही शालिनी का नाम
इंटर रिजल्ट से हुई फजीहत को देखते हुए सरकार नें एफआईआर की शुरुआत शालिनी के नाम से ही की है. इस एफआईआर में साफ तौर पर शालिनी राय के बारे में लिखा है कि वो साइंस में टॉपर थी और उसकी कॉपी में पूरी तरह से छेड़छाड़ किया गया है. उसकी कॉपी के नंबर को फाड़कर दूसरी जगह नंबर लिखा गया है.

टॉपर्स लिस्ट जारी करने में भी मनमानी
दरअसल न सिर्फ टॉपर बनाने में घोटाला हुआ है बल्कि टॉपर्स लिस्ट को जारी करने में भी मनमानी की गई है. शालिनी राय जो कि 2014 में मैट्रिक में पूरे बिहार की टॉपर थी उसने इंटर में भी टॉप किया है, लेकिन इस डर से कि कही हंगामा न हो जाए और पूरा भेद खुल जाए. इस बार इंटर में उसके रिजल्ट को रोककर टॉपर्स लिस्ट जारी की गई.

खुलासे के बाद बदल गई टॉपर्स लिस्ट
इस खुलासे के बाद अब फर्जी टॉपर्स लिस्ट भी बदल दी गई है. यानी फर्जी टॉपर्स की सूची में अब शालिनी का नाम सबसे ऊपर है. सौरभ श्रेष्ठ साइंस का दूसरा फर्जी टॉपर है. राहुल कुमार तीसरे से लुढ़ककर चौथे नंबर पर आ गया है.

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वेबसाइट के मुताबिक शालिनी ने नहीं दी परीक्षा
चौंकाने वाली बात ये है कि एफआईआर में तो शालिनी राय को प्रथम टॉपर बताया गया है, लेकिन जब वेबसाइट पर उसके रॉल नंबर और रॉल कोड को डाला जाता है तो वहां दिखता है कि उसने परीक्षा ही नहीं दी. सवाल ये है कि अगर रिजल्ट के मुताबिक उसने परीक्षा नहीं दी तो उसका रिजल्ट कैसे और कहां से आया, कैसे उसे बिहार का टॉपर करार दिया गया और कैसे उसकी कॉपी सामने आ गई?

सरकार के हाथ लगी शालिनी की कॉपी
दरअसल सरकार को इस पूरे फर्जीवाड़े की भनक लग चुकी थी. इस फर्जीवाड़े को छुपाने के लिए बोर्ड ने आनन-फानन में अपनी जांच समिति बना दी थी. बाद में इसे भंग भी कर दिया गया. सरकार के हाथ जब शालिनी राय की कॉपी लगी तो नीतीश कुमार ने ये फैसला किया कि अब किसी जांच की बजाए सीधे क्रिमिनल केस दर्ज कर साजिश की तहकीकात की जाएगी.

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