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बिहार के कई शहरों में रिलीज नहीं हुई पद्मावत, बीजेपी सांसद ने कहा- विरोध गलत

पटना के मल्टीपलैक्स सिनेपोलिस मोना रिजेन्ट द फन सिनेमा में फिल्म पद्मावत को रिलीज होना था. 25 जनवरी को कुछ लोग मोना सिनेमा फिल्म देखने पहुंचे भी लेकिन फिल्म नहीं लगी. पद्मावत फिल्म देखने आए राजीव रंजन ने कहा कि सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करवा पाई.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
सुजीत झा/सना जैदी
  • पटना,
  • 25 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 9:05 PM IST

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद पटना में फिल्म पद्मावत रिलीज नहीं हो पाई है. बिहार की राजधानी पटना में मुख्यमंत्री से लेकर सभी वो आला अधिकारी रहते हैं, जिन पर कानून का पालन कराने की जिम्मेदारी है. वहां फिल्म पद्मावत इस डर से रिलीज नहीं हुई कि कहीं सिनेमाघरों में तोड़फोड़ न हो जाए. बिहार के कुछ शहर बेगुसराय, बिहारशऱीफ, समस्तीपुर, रक्सौल मुंगेर जैसे अंगूलियों पर गिने जाने वाले शहरों में ही फिल्म रिलीज हुई है.

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पटना के मल्टीपलैक्स सिनेपोलिस मोना रिजेन्ट द फन सिनेमा में फिल्म पद्मावत को रिलीज होना था. 25 जनवरी को कुछ लोग मोना सिनेमा फिल्म देखने पहुंचे भी लेकिन फिल्म नहीं लगी. पद्मावत फिल्म देखने आए राजीव रंजन ने कहा कि सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करवा पाई.

बिहार के अधिकतर शहरों में फिल्म पद्मावत रिलीज तो नहीं हो पाई लेकिन हंगामा हर जगह हुआ. मोतिहारी में नेपाल को जोड़ने वाले नेशनल हाईवे को जाम कर दिया गया. बिहारशरीफ में ट्रेन रोकी गई. मुजफ्फपुर में अपनी पहचान छिपाने के लिए प्रदर्शनकारियों ने मुंह बांधकर पटना समस्तीपुर रोड को जाम किया. पटना में हर सिनेमा हॉल के बाहर करनी सेना के समर्थक दिखाई दिए.

इस फिल्म को बिहार में रिलीज करने का अधिकार विजयलक्ष्मी डिस्टीबूटर्स ने 4 करोड़ रुपये में लिया था लेकिन फिल्म के रिलीज नहीं होने से काफी नुकसान की आशंका है. मोना सिनेमा के मैनेजर ने कहा कि लोगों की भावना को ध्यान में रखते हुए हमने फिल्म रिलीज नहीं की. उन्होंने कहा कि हमारे पास करनी सेना के लोग आये थे और उन्होंने फिल्म न चलाने को कहा. प्रशासन की तरफ से पूछा गया कि अगर फिल्म चला रहे तो हम सुरक्षा देने को तैयार हैं.

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सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पाल नहीं किया गया

बिहार में उदासिनता का माहौल दिखा. हालत ये रही कि खुद पुलिस प्रशासन के लोगों ने सिनेमा मालिकों को डराया कि फिल्म रिलीज होने से आपके संस्थान को नुकसान पहुंच सकता है. बताय जा रहा है कि कहीं भी प्रदर्शन कर रहें लोगों की संख्या 50-60 से ज्यादा नहीं थी. ऐसे में क्या पुलिस उन्हे कंट्रोल नहीं कर सकती है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन न कराने की जिम्मेदारी पूरी तरह से प्रशासन पर है और यह कोर्ट के आदेश की अवमानना ही है.

बीजेपी सांसद ने कहा पद्मावत का विरोध गलत

बीजेपी के सांसद भोला सिंह ने पद्मावत फिल्म का समर्थन किया है. उन्होंने बेगुसराय में कहा कि पद्मावत पूरे देश में प्रदर्शित हो रही है और इस पर जो हंगामा हो रहा है वो बेहद दुखद है. उन्होंने कहा, मेरी राय है कि पद्मावती का जो इतिहास है उसको पद्मावत में जो दिखाया है वह समाज को गर्वान्वित करता है. इस फिल्म के प्रदर्शित होने से किसी जाति के ऊपर कोई अपेक्षा नहीं है. मैं समझता हूं इस विवाद को जल्द समाप्त होना चाहिए.

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