
अग्निपथ योजना के खिलाफ बिहार के कई शहरों में हिंसा हुई है. इस बीच पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह ने का कहना है कि इस हिंसा को भड़काने में मसौढ़ी के दो कोचिंग संस्थानों का नाम सामने आ रहा है. उनका कहना है कि इन कोचिंग संस्थानों ने ही लोगों को हिंसा के लिए उकसाया है. पटना के डीएम ने बताया है कि इन संस्थानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की जा रही है.
बता दें कि बीते चार दिनों में बिहार में 60 ट्रेन की बोगियों के साथ 11 इंजन को प्रदर्शनकारियों ने आग के हवाले कर दिया है. अब तक 700 करोड़ की संपत्ति बर्बाद की जा चुकी है. राज्य के 15 जिलों में हिंसक प्रदर्शन की चपेट में हैं. वहीं रेलवे की ओर से जानकारी दी गई है कि शनिवार को भी 13 ट्रेनों को कैंसिल कर दिया गया है. अग्निपथ योजना के खिलाफ प्रदर्शन बिहार से लेकर यूपी, हरियाणा और तेलंगाना तक जारी है.
इस योजना के खिलाफ बढ़ते हिंसक प्रतिरोध को देखते हुए केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों ने भी मोर्चा संभाल लिया है. गृह मंत्रालय की ओर से ऐलान किया गया है कि केंद्रीय आर्म्ड फोर्सेस में अग्निपथ योजना की तहत सेवा देने वाले 'अग्निवीरों' को 10 फीसद का आरक्षण दिया जाएगा. इसके साथ ही उम्र सीमा में भी 3 साल की छूट दी जाएगी. इसके साथ इस योजना के तहत पहले बैच में शामिल होने वाले जवानों को 5 साल की छूट दी जाएगी.
वहीं पेट्रोलियम मंत्री हरिदीप पुरी ने भी कहा है कि चार साल की सेवा के बाद इन जवानों की नियुक्ति पर विचार किया जा रहा है. वहीं रक्षा मंत्रालय की ओर से भी कहा गया है कि अग्निवीरों को 10 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा जिससे इंडियन कोस्ट गार्ड, डिफेंस सिविलियन पोस्ट में भर्ती किया जा सकेगा.
इसके अलावा खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी कहा है कि नेहरू युवा केंद्र संगठन अग्निपथ योजना के बारे में समझान के लिए अभियान शुरू करेगा. इसके अलावा नागरिक उड्डयन मंत्रालय की ओर से भी अग्निवीरों को नौकरी देने में सहूलियत देने का ऐलान किया है. इसके साथ ही पोत, परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय की ओर से भी नौकरियों में मौका देने की बात कही है.