
बिहार में चमकी बुखार के खिलाफ प्रदर्शन करना जुर्म बन गया है. पुलिस ने ऐसे 39 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. ये मामला बिहार के वैशाली के हरिवंशपुर का है. पुलिस के इस कदम के बाद गांव वाले खौफ में है. जिन लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ है उन्होंने गांव छोड़ दिया है, गांव में अब सिर्फ महिलाएं बची हैं.
चमकी बुखार के खिलाफ प्रदर्शन किया तो FIR
बिहार में चमकी बुखार से अबतक 150 से ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है. प्रशासन की कोशिशों के बावजूद मरने वालों की संख्या कम नहीं हो रही है. इस बीच जब कुछ लोगों ने इस मुद्दे पर प्रदर्शन किया तो पुलिस ने ऐसे 39 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है. ये लोग पानी की किल्लत और चमकी बुखार से हुई मौतों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे.
जिन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज हुई है उन्होंने गांव खाली कर दिया है. गांव की महिलाओं ने कहा कि हमारे बच्चों की मौत हुई है, हमने रोड जाम किया था, लेकिन प्रशासन ने हमारे खिलाफ ही केस दर्ज कर लिया है. जिनके खिलाफ FIR दर्ज की गई है उन्होंने गांव छोड़ दिया है, वे अपने परिवार के लिए रोजी-रोटी कमाने वाले एकमात्र शख्स थे.
हरिवंशपुर में हुआ था LJP MP का विरोध
बता दें कि हरिवंशपुर के लोगों ने रविवार (23 जून) को सांसद और विधायक का विरोध किया था. बच्चों की मौत से नाराज लोगों ने लालगंज से एलजेपी विधायक राजकुमार साह को कुछ देर के लिए बंधक बना लिया था. यही नहीं उन्होंने एलजेपी सांसद पशुपति कुमार पारस को बंधक बना लिया था. यहां के लोग इस बार से नाराज थे कि इतनी बड़ी आपदा के बाद यहां कोई जनप्रतिनिधि नहीं आया था.
हरिवंशपुर में रामविलास पासवन की गुमशुदगी के लगे थे पोस्टर
वैशाली का हरिवंशपुर गांव रामविलास पासवान की राजनीति का क्षेत्र रहा है. हालांकि पासवान इस क्षेत्र के जनप्रतिनिधि नहीं हैं. इस इलाके के लोग पिछले कुछ दिनों से पानी की किल्लत और चमकी बुखार से काफी प्रभावित हैं, लेकिन रामविलास पासवान यहां नहीं पहुंचे थे. 22 जून को यहां के लोगों ने रामविलास पासवान की गुमशुदगी के पोस्टर लगाए थे.