
बिहार चुनाव में जीत के बाद सोमवार को नीतीश कुमार ने सूबे के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली. मंगलवार (17 नवंबर) को नीतीश कुमार 11 बजे कैबिनेट की पहली बैठक करेंगे. एनडीए में शामिल सहयोगी दलों की तरफ से 14 मंत्रियों ने भी पद की शपथ ली है. अब बिहार में प्रोटेम स्पीकर मनोनीत किया जाना है. 23 नवंबर को बिहार की नई विधानसभा का पहला सत्र होगा.
इस दौरान सबसे पहले प्रोटेम स्पीकर मनोनित किया जाएगा जो नए विधायकों को शपथ दिलाएंगे. इसके बाद बिहार विधानसभा के स्पीकर का चुनाव होगा. विधानसभा स्पीकर के चुनाव का फैसला काफी अहम है. इसके पीछे वजह यह है कि एनडीए के पास कुल 125 विधायक हैं जो सरकार बनाने के आंकड़े से महज तीन ही ज्यादा हैं. ऐसे में सूबे में सरकार की स्थिरता के लिए बीजेपी अपने किसी खास नेता को ही यह पद सौंपना चाहती है.
सूत्रों की मानें तो बीजेपी नेतृत्व नंदकिशोर यादव को विधानसभा का स्पीकर बना सकती है. नंदकिशोर यादव ने पटना साहिब विधानसभा से लगातार सातवीं बार जीत दर्ज की है. नंदकिशोर यादव बिहार बीजेपी के बड़े नेता के तौर पर जाने जाते हैं. नंदकिशोर यादव पिछली बार नीतीश कुमार सरकार में पथ निर्माण मंत्री भी रह चुके हैं.
इससे पहले शपथ ग्रहण के बाद सीएम नीतीश कुमार ने मीडिया से कहा कि फिर जिम्मेदारी मिली है, उसी को निभाएंगे. वहीं, सुशील कुमार मोदी ने मीडिया के सवालों का जवाब नहीं दिया. नीतीश कुमार ने कहा कि सुशील मोदी को उपमुख्यमंत्री नहीं बनाए जाने का फैसला बीजेपी का है. यह सवाल बीजेपी से किया जाना चाहिए.