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बिहार में बाढ़ का कहर, CM नीतीश बोले पहुंचाई जा रही मदद

बिहार में गुरुवार को हुई  मूसलाधार बारिश के बाद उत्तर बिहार की नदियां फिर खतरे के निशान से अधिक ऊपर बह रही हैं, जिससे बाढ़ की स्थिति गंभीर होती जा रही है. बाढ़ का पानी नए क्षेत्रों में प्रवेश करता जा रहा है. बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले में भी गुरुवार को बाढ़ का पानी घुस गया है. 

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
aajtak.in
  • पटना,
  • 26 जुलाई 2019,
  • अपडेटेड 8:00 PM IST

बिहार में गुरुवार को हुई  मूसलाधार बारिश के बाद उत्तर बिहार की नदियां फिर खतरे के निशान से  अधिक ऊपर बह रही हैं, जिससे बाढ़ की स्थिति गंभीर होती जा रही है. बाढ़ का पानी नए क्षेत्रों में प्रवेश करता जा रहा है. बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले में भी गुरुवार को बाढ़ का पानी घुस गया है. 

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को विधानसभा में कहा कि केंद्र सरकार सभी पीड़ितों को राहत पहुंचाएगी. साथ ही साथ यह भी कहा कि गांवों तक हमारी प्रशासन नहीं पहुंच सकती इसीलिए वहां हेलीकॉप्टर से खाने के पैकेट पहुंचाए जा रहे हैं. घर और फसल की क्षति की भरपाई में केंद्र सरकार आपकी सहायता करेगी. 

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बाढ़ से प्रभावित जिले   

आपदा प्रबंधन विभाग ने शुक्रवार को बताया कि बिहार के 13 जिले जैसे शिवहर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, दरभंगा, सहरसा, सुपौल, किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, कटिहार और पश्चिमी चंपारण जिले में बाढ़ के कारण 123 लोगों की मौत हो चुकी है. लगभग 82,11,820 लोग बाढ़ के कारण प्रभावित  हो गए हैं. 

मुख्यमंत्री ने विधानसभा में एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि बाढ़ से हुए नुकसान का मुआयना करके केंद्र को विस्तृत मेमोरेंडम भेजा जाएगा. इसी मेमोरेंडम को भेजने की तैयारी की जा रही है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल(एनडीआरएफ) की  टीम और सेना के हेलीकॉप्टर की मांग की गई थी, जो केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकार को उपलब्ध कराए गए हैं. 

मुख्यमंत्री ने आशंका जताते हुए कहा कि बाढ़ का दौर अभी खत्म नहीं हुआ है. इसलिए सभी को सावधानी बरतनी होगी. उन्होंने यह भी  कहा कि राहत कार्य लगातार चलाए जा रहे हैं. घर और फसल की क्षति का भी आकलन करके लोगों की  मदद की जाएगी.  

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उधर, मुजफ्फरपुर में बूढ़ी गंडक में जलस्तर बढ़ने से कांटी के कोठिया में रिंग बांध टूट गया.  इसी वजह से  नए इलाकों में पानी घुस गया है. सैकड़ों एकड़ में लगी हुई फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी हैं. प्रशासन ने लोगों को निचले क्षेत्र से बाहर निकलने को कहा है. 

लालबइया व बागमती नदी का जलस्तर बढ़ने से कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है. सीतामढ़ी में बागमती, लखनदेई समेत अन्य नदियों के जलस्तर में वृद्धि से आधा दर्जन से ज्यादा  इलाकों में पानी घुस गया है.पश्चिम चंपारण जिले की बूढ़ी गंडक सहित सभी पहाड़ी नदियां उफान पर हैं. लौरिया से नरकटियागंज एवं लौरिया से रामनगर जाने वाली मुख्य सड़क पर बाढ़ का पानी बह रहा है. 

बिहार राज्य जल संसाधन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार सुबह बिहार की कई नदियां जैसे बूढ़ी गंडक, बागमती, अधवारा समूह, कमला बलान, कोसी, महानंदा और परमान नदियां विभिन्न स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही थीं.

कोसी का जलस्तर वीरपुर बैराज के पास शुक्रवार को सुबह छह बजे 1 लाख 53 हजार क्यूसेक था जो आठ बजे 1 लाख 56 हजार क्यूसेक से ज्याद हो गया. गंडक नदी का वाल्मीकिनगर बैराज में भी जलस्तर बढ़ता देखा गया है.

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