
देश के तीन बड़े राज्यों में बाढ़ और बारिश से हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. तीन राज्यों में अब तक 204 लोग बाढ़ के चलते अपनी जान गंवा बैठे हैं. सबसे बुरा हाल बिहार में है, जहां अब तक 119 लोग बाढ़ के कहर में जान गंवा बैठे हैं. दूसरी ओर लाखों लोग बाढ़ में फंसे हैं. इनकी हालत और भी दयनीय है. पूर्णिया, किशनगंज, कटिहार, मोतिहारी, अररिया और दरभंगा सैलाब में डूबे हुए हैं.
चीन और नेपाल नहीं दे रहे हाइड्रोलॉजिकल डाटा
दूसरी ओर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी कि नेपाल और चीन नदियों में मौजूद पानी को लेकर हाइड्रोजिकल डाटा साझा नहीं कर रहे हैं. मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि चीन ब्रह्मपुत्र और सतलज को लेकर इस साल हाइड्रोलॉजिकल डाटा शेयर नहीं कर रहा है. इस बारे में 2006 में एक्सपर्ट लेवल मैकेनिज्म का गठन किया गया था. इसकी आखिरी बैठक अप्रैल 2016 में हुई थी.
बिहारः 14 जिलों के 98 लाख लोगों का जीना मुहाल
बाढ़ के पानी ने बिहार के 14 जिलों के करीब 98 लाख लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. गोपालगंज में बाढ़ के पानी में डूबने से 24 घंटे के अंदर 6 लोगों की मौत हो चुकी है. एनडीआरएफ के डीजी संजय कुमार ने आजतक से बातचीत में कहा कि 27 टीमें बिहार के अलग-अलग जिलों में राहत एवं बचाव का काम कर रही हैं. कुछ जिलों में स्थिति बेहद खतरनाक है. इन जगहों पर एनडीआरएफ की टीम राज्य की एसडीआरएफ के साथ मिलकर बचाव के काम में जुटी हुई है.
बाढ़ में गैस सिलिंडर की मारामारी
मोतिहारी से रक्सौल और बेतिया को जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग 28ए कई जगह से टूटा पड़ा है और दो से तीन फीट तक पानी भरा हुआ है. इसकी वजह से शुक्रवार को सुबह रसोई गैस सिलिंडर से भरा ट्रक मोतिहारी पहुंचा. मगर वह आगे नहीं जा पाया.
ऐसे में दूरदराज के इलाके से लोग जिनके घर में रसोई गैस खत्म हो गई है, वह खाली सिलेंडर को बाढ़ के पानी में किसी तरीके से उठाकर मोतिहारी पहुंचे और राष्ट्रीय राजमार्ग पर खड़े ट्रक के सामने कतार लगाकर खड़े हैं. लोगों ने बताया कि रसोई गैस सिलिंडर के साथ 10-10 किलोमीटर पैदल पानी में चलकर शहर पहुंचे हैं. ताकि उनके घर में दो वक्त की रोटी बन सके.
मोतिहारी जिले में बूढ़ी गंडक नदी का पानी शहरों में घुस गया है. रिहाइशी इलाकों में पानी घुसने से कई घर जलमग्न हो गए हैं. मोतिहारी के मठिया जिरात कॉलोनी में डॉक्टर राजेश अस्थाना पेशे से डॉक्टर हैं और गुरुवार सुबह से ही उनके घर में पानी भरता चला गया. अस्थाना के घर में तकरीबन 1.5 से 2 फीट पानी भरा हुआ है.
48 घंटे से ठहरी है जिंदगी
आज तक की टीम ने डॉक्टर राजेश अस्थाना के घर के अंदर जाकर जायजा लिया तो पाया कि पूरा घर जलमग्न है. सभी कमरों में बाढ़ का पानी भरा हुआ है और घर के सभी सामान जैसे कि सोफा, पलंग, अलमीरा, कुर्सी, टेबल सब पानी में डूबे हैं. अस्थाना परिवार में पुरुष, महिलाएं और बच्चे इसी पानी के बीच पिछले 48 घंटे से जिंदगी गुजार रहे हैं.
यूपी के 22 जिलों में बाढ़, 12.80 लाख लोग प्रभावित
प्रदेश सरकार ने बाढ़ से बचाव के लिए 17 कंपनी पीएससी को भी बाढ़ के सैलाब में उतारा है. इनके साथ एल्युमिनियम, रबर और फाइबर की नावें लगाई गई हैं.
महाराजगंजः बाढ़ में डूबी तीन लड़कियां
यूपी के महाराजगंज इलाके के बृजमान थाना क्षेत्र के खेतों में काम करने गई तीन युवतियों की बाढ़ में डूबने से मौत हो गई. मौत का कारण खेत में बाढ़ का पानी भरने को माना जा रहा है. पुलिस ने शव को अपने कब्जे में ले लिया है. बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में से एक महाराजगंज में मरने वालों की संख्या 9 हो गई है.
बलरामपुर के 289 गांव बाढ़ से प्रभावित
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बलरामपुर जिले के 289 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं. पीड़ितों के साथ संवेदनाव्यक्त करते हुए उन्होंने प्रशासन को युद्धस्तर पर काम करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि संवेदनहीन अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी. इसके बाद मुख्यमंत्री तुलसीपुर की ओर रवाना हो गए.
बाढ़ से मुकाबले को योगी के निर्देश
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जिन लोगों के मकान क्षतिग्रस्त हैं, उनको पहले चरण में प्राथमिकता दी जाए. प्रशासन किसी भी तरह का भेदभाव न करें. साथ ही बाढ़ से बचाव के लिए स्थायी समाधान बनाए जाएं. मुख्यमंत्री ने प्रशासन से सामाजिक संगठनों की मदद लेने की भी बात कही.
असमः बाढ़ से अब तक 49 की मौत
पिछले एक हफ्ते में असम में बाढ़ के चलते 49 लोगों की मौत हो गई है. लाखों लोगों को बाढ़ से बचाने के लिए 900 राहत केंद्र बनाए गए हैं. राज्य में 50 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. असम के बाढ़ प्रभावित गांवों से लगभग 50 हजार लोगों को निकाला गया है. आजतक ने इन बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा कर हालात का जायजा लिया.
33 जिलों में से 25 बाढ़ की चपेट में
असम के 33 जिलों में से 25 जिले बाढ़ की चपेट में हैं जिसके चलते सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है. राज्य के 31 जिलों की 4 लाख हेक्टेयर जमीन पर लगी फसल बाढ़ में डूबी हुई है. 2500 गांवों के 75 राजस्व सर्किल बाढ़ के पानी में समा गए हैं.
बाढ़ के पानी में डूबे जिलों में धेमाजी, लखुमपुर, बिश्वनाथ, सोनितपुर, उदालगुरी, दारंग, नलबाड़ी, बारपेटा, चिरांग, बोनगैंगांव, कोकराझार, धुबरी, दक्षिण सालमारा, गोलपाड़ा, कामरूप, कामरूप मेट्रो, मोरी गांव, नागांव, कार्बी एंगलॉन्ग, गोलाघाट, मजुली, जोरहाट, शिवसागर और डिब्रूगढ़ हैं.
बाढ़ में डूबा काजीरंगा वन अभ्यारण्य
असम पिछले दो दशक की सबसे भयावह बाढ़ का सामना कर रहा है. दुनिया का सबसे बड़ा गैंडा (राइनो) वन अभ्यारण्य पानी में डूब गया है. प्रशासन गैंडा कॉरिडोर पर लगातार नजर बनाए हुए है. ताकि जानवरों को किसी भी स्थिति में बचाया जा सके. पूरे राज्य में 10 लाख बड़े जानवर, 6 लाख छोटे जानवर और 14 लाख पोल्ट्री बाढ़ की मार झेल रहे हैं.
NDRF ने अब तक 1334 लोगों को बचाया
देश के तीन राज्यों असम, बिहार और उत्तर प्रदेश में एनडीआरएफ की 119 टीमों ने अब तक 1334 लोगों को बचाया है, जबकि 35000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. इसके साथ ही 142 पशुधन को भी सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.