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इस्तीफे पर कार्तिकेय ने तोड़ी चुप्पी, नीतीश सरकार पर कही ये बात

कार्तिकेय सिंह ने बीजेपी पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा, बीजेपी ये बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी कि किसी भूमिहार को मंत्री बनाया गया. इसलिए वे मेरी छवि खराब करना चाहते थे. मैं 28 साल से सरकारी टीचर रहा हूं. मुझे न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है. मुझे न्याय मिलने की पूरी उम्मीद है.

कार्तिकेय सिंह (फाइल फोटो) कार्तिकेय सिंह (फाइल फोटो)
रोहित कुमार सिंह
  • पटना,
  • 01 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 1:00 PM IST

बिहार में आरजेडी सांसद कार्तिकेय सिंह ने नीतीश कुमार की कैबिनेट से अपने इस्तीफे पर चुप्पी तोड़ी है. कार्तिकेय सिंह ने कहा कि अपहरण के इस केस से उनका कोई लेना देना नहीं है. इसमें उन्हें फंसाया गया है. कार्तिकेय ने कहा कि इस केस से उनकी सरकार और आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव की भी छवि खराब हो रही थी. इसलिए उन्होंने कैबिनेट से इस्तीफा दिया है. 

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कार्तिकेय ने बीजेपी पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा, बीजेपी ये बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी कि किसी भूमिहार को मंत्री बनाया गया. इसलिए वे मेरी छवि खराब करना चाहते थे. मैं 28 साल से सरकारी टीचर रहा हूं. मुझे न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है. मुझे न्याय मिलने की पूरी उम्मीद है. उन्होंने कहा, मैंने इसलिए इस्तीफा दिया क्यों कि इन सबसे हमारी सरकार की छवि खराब हो रही थी. 

विभाग बदलने के बाद दिया था इस्तीफा

दरअसल, कार्तिकेय सिंह को नीतीश कुमार ने कानून मंत्री बनाया था. लेकिन शपथ लेने के एक दिन बाद ही बिहार के नए कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह को लेकर बवाल मच गया था. दरअसल, राजद विधायक और अब कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज है. कार्तिकेय सिंह के खिलाफ 16 अगस्त को कोर्ट में सरेंडर करने का वारंट जारी किया गया था. आरोप है कि उन्होंने कोर्ट में सरेंडर नहीं किया, बल्कि 16 अगस्त को कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली.

कार्तिकेय सिंह को लेकर बीजेपी लगातार नीतीश सरकार पर निशाना साध रही थी. यहां तक कि नीतीश सरकार में सहयोगी दलों ने भी इस मुद्दे को उठाया था. विवाद बढ़ने के बाद नीतीश कुमार ने बुधवार को कार्तिकेय सिंह से कानून मंत्रालय वापस ले लिया था. उन्हें गन्ना उद्योग मंत्रालय दिया गया था. हालांकि, इसके कुछ घंटों बाद ही कार्तिकेय सिंह ने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया.

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2014 का है अपहरण का मामला

कार्तिकेय सिंह के खिलाफ पटना के कोतवाली थाना समेत मोकामा और बिहटा में कई अपराधिक मामले दर्ज बताये जाते हैं. कार्तिकेय सिंह का नाम साल 2014 में राजीव रंजन उर्फ राजू सिंह के अपहरण मामले में आया था. राजू सिंह, कभी अनंत सिंह के करीबी सहयोगी थे. 2014 में पटना के पास से उन्हें वित्तीय लेनदेन के विवाद में कथित तौर पर अपहरण कर लिया गया था. बाद में पुलिस ने उसे ढूंढ निकाला था.

पुलिस ने इस मामले में अनंत सिंह के अलावा कार्तिकेय सिंह और अन्य को भी आरोपी बनाया था. बिहटा पुलिस ने कार्तिकेय सिंह पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था, जिसमें 363 (अपहरण), 364 (हत्या के इरादे से अपहरण), और 365 शामिल हैं.

कोर्ट ने गिरफ्तारी पर लगाई रोक- कार्तिकेय सिंह 

कार्तिकेय सिंह का कहना था कि मैंने एमएलसी बनने से पहले ही हलफनामे में इस केस का जिक्र किया था. उन्होंने बताया था कि दानापुर कोर्ट ने 12 अगस्त को ही 1 सितंबर तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी.

 

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