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टॉपर्स स्कैम: लालकेश्वर को पत्नी संग 14 दिन की जेल, SIT राज उगलवाने में जुटी

टॉपर्स घोटाले के आरोपों में गिरफ्तार लालकेश्वर प्रसाद सिंह और उनकी पत्नी को अदालत ने 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. लालकेश्वर और उसकी पत्नी और जेडीयू की पूर्व विधायक ऊषा सिन्हा को एसआईटी ने सोमवार सुबह बनारस से गिरफ्तार किया था.

लालकेश्वर प्रसाद सिंह लालकेश्वर प्रसाद सिंह
अमित कुमार दुबे/रोहित कुमार सिंह
  • पटना,
  • 21 जून 2016,
  • अपडेटेड 10:14 PM IST

टॉपर्स घोटाले के सबसे बड़े आरोपियों में से एक लालकेश्वर प्रसाद सिंह और उनकी पत्नी को पटना की एक अदालत ने 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के पूर्व अध्यक्ष लालकेश्वर और उसकी पत्नी और जेडीयू की पूर्व विधायक ऊषा सिन्हा को एसआईटी ने सोमवार सुबह बनारस से गिरफ्तार किया था. लालकेश्वर और उसकी पत्नी की गिरफ्तारी के बाद अब और कई बच्चा राय जैसे शिक्षा माफियाओं का नाम सामने आ सकता है.

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टॉपर्स घोटाले में गिफ्तारी जारी
टॉपर्स घोटाले में 'आज तक' के खुलासे के बाद एसआईटी इस मामले की जांच कर रही है. अब तक एक दर्जन से ज्याद आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं, लेकिन इसमें लालकेश्वर और उषा सिन्हा की गिरफ्तारी सबसे अहम है. एसआईटी की टीम पिछले कई दिनों से बनारस में डेरा डाले हुए थी और बनारस में छुप के रह रहें लालकेश्वर और उसकी पत्नी पर नजर बनाए हुए थी. एसआईटी जी जांच में यह तथ्य सामने आया है कि असली परीक्षार्थी की जगह स्कॉलरों को बैठाने का खेल चलता था. और ये सब लालकेश्वर के इशारे पर होता था.

बनारस में छिपे थे लालकेश्वर
लालकेश्वर और उसकी पत्नी उषा सिन्हा इस मामले में आरोपी बनने के बाद से ही फरार चल रहे थे और बनारस के भेलूपुर इलाके में छिपकर रह रहे थे. यहां लालकेश्वर के एक रिश्तेदार का घर है. लेकिन एसआईटी को इसकी भनक लग गई थी, इसी वजह से ये दोनों यहां से निकल कर किसी आश्रम में छिपने के इरादे से जब सुबह निकले तो घात लगाए बैठी एसआईटी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. लालकेश्वर अपने बेटे के साले विकासचंद के बहनोई के घर छिपा था. विकासचंद वही है जिसे लालकेश्वर ने लेनदेन के लिए रखा था. यह लालकेश्वर का खास पीए था जिसके जरिए वो डिलिंग करते थे. विकासचंद को एसआईटी तलाश कर रही है लेकिन वह फरार है.

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कई शिक्षा माफिया शामिल
लालकेश्वर प्रसाद सिंह पिछले दो सालों से बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष था और इस दौरान कई परीक्षाएं आयोजित की गई थी, जो परीक्षाएं अब संदेह के घेरे में है. एसआईटी उस मामले के तह तक जाने लिए बेताब हैं, क्योंकि एसआईटी का मानना है कि टॉपर्स घोटाले में केवल बच्चा राय ही शामिल नहीं है बल्कि बच्चा राय की तरह कई और शिक्षा माफिया हैं, जो हेराफेरी कर छात्रों को टॉप या फिर पास कराते हैं.

बच्चा राय और लालकेश्वर की सांठ-गांठ
लालकेश्वर और बच्चा राय के मोबाइल का सीडीआर दोनों की साठ-गांठ की गवाही दे रहा है. एसआईटी के मुताबिक दोनों के बीच लंबी-लंबी बातें हुआ करती थीं. एसआईटी ने बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद सिंह और उसकी पत्नी का प्रोफेसर उषा सिन्हा और बच्चा राय के करीबियों की लिस्ट तैयार कर ली है इसमें तीन दर्जन से ज्यादा लोगों के नाम दर्ज हैं. कई नाम शिक्षा जगत से जुडे लोगों का हैं इसमें प्रिसिंपल से लेकर क्लर्क तक शामिल हैं. लालकेश्वर और उसकी पत्नी की गिरफ्तारी के बाद इसमें कई और नाम जुड सकते हैं.

लालकेश्वर के काले कारनामे
लालकेश्वर प्रसाद सिंह ने केवल रिजल्ट में हेराफेरी कर पैसे नही कमाएं बल्कि बोर्ड अध्यक्ष रहते हुए उसने अपने बेटे को भी फायदा पहुंचाया. बोर्ड ऑफिस में स्थित स्टेट बैंक जहां बोर्ड का खाता हुआ करता है उसमें लालकेश्वर ने बोर्ड का पैसा जमा न करवा कर उस बैंक में पैसा जमा करवाया जिसमें उसका बेटा काम करता था. बोर्ड का लगभग 54 करोड रुपया जमा कराने के एवज में उस बैंक ने लालकेश्वर के बेटे को कई पदोन्नतियां भी दी.

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