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पटना महावीर मंदिर ने हनुमानगढ़ी अयोध्या के दावे को बताया बेबुनियाद, जानिए क्या है मामला?

अयोध्या में महावीर मंदिर द्वारा सीता रसोई चलाई जा रही है. इसमें हर रोज 2 हजार से ज्यादा लोग 9 प्रकार के व्यंजन का निशुल्क स्वाद चखते हैं. इसके अलावा रामलला के भोग का प्रबंध भी महावीर ट्रस्ट की तरफ से बिहार के कैमूर के विशेष चावल से हर रोज होता है. 

Hanumangarhi Ayodhya Claim On The Patna Mahavir Mandir Hanumangarhi Ayodhya Claim On The Patna Mahavir Mandir
सुजीत झा
  • पटना,
  • 17 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 5:07 PM IST
  • पटना महावीर मंदिर पर हनुमानगढ़ी ने बताया मालिकाना हक
  • महावीर मंदिर ने हनुमानगढ़ी के दावे को किया खारिज

अयोध्या के हनुमानगढ़ी मंदिर ने पटना के महावीर मंदिर पर अपना मालिकाना हक जताया है. वहीं, पटना महावीर मंदिर के सचिव किशोर कुणाल ने इस दावे को बेबुनियाद बताते हुए खारिज कर दिया. उन्होंने कहा, महावीर मंदिर की बढ़ती लोकप्रियता की वजह से हनुमानगढ़ी मंदिर द्वारा यह दावा किया जा रहा है. 

किशोर कुणाल ने कहा, महावीर मंदिर द्वारा अयोध्या में जो काम किए जा रहे हैं, वे वहां के मंदिर नहीं करा पा रहे हैं. उन्होंने बताया कि अयोध्या में महावीर मंदिर द्वारा सीता रसोई चलाई जा रही है.

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इसमें हर रोज 2 हजार से ज्यादा लोग 9 प्रकार के व्यंजन का निशुल्क स्वाद चखते हैं. इसके अलावा रामलला के भोग का प्रबंध भी महावीर ट्रस्ट की तरफ से बिहार के कैमूर के विशेष चावल से हर रोज होता है. 

5 सालों में 10 करोड़ रु का दिया चंदा

उन्होंने बताया कि महावीर मंदिर की ओर से रामलला के दर्शन के करने वालों के लिए लॉकर बनवाए गए हैं. राम मंदिर निर्माण में हर साल 2 करोड़ रुपये और 5 सालों में 10 करोड़ रुपए महावीर मंदिर पटना की ओर से दिए जा रहे हैं. इसके बावजूद हनुमानगढ़ी अयोध्या ने पटना महावीर मंदिर ने दावा क्यों ठोका, ये समझ से परे है. 

क्या है मामला?

अयोध्या के हनुमानगढ़ी मंदिर ने हाल ही में पटना जंक्शन स्थित महावीर मंदिर पर मालिकाना हक बताया. हनुमानगढ़ी ने बिहार धार्मिक न्यास पार्षद को पत्र लिखकर कहा कि इसका स्वामित्व उनके पास है. बताया जा रहा है कि यह दावा ठोकने से पहले हनुमानगढ़ी अयोध्या ने हस्ताक्षर अभियान भी चलाया. 
 
क्यों ठोका दावा? 

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पटना महावीर मंदिर में शुरू से देश भर के विभिन्न मठ मंदिर से पुजारी नियुक्त होते रहे हैं. 1987 में ट्रस्ट बनने के बाद शुरू में 1987 से 1996 तक कांची मठ के महंत यहां पूजा कराते थे. 1993 के बाद रविदास मंदिर अयोध्या से पुजारी नियुक्त किये गए थे.

1996 में हनुमानगढ़ी मंदिर से पुजारी महावीर मंदिर में पूजा के लिए आए. पिछले 9 साल से यहां हनुमान गढ़ी अयोध्या से उमाशंकर दास पुजारी नियुक्त किए गए थे. लेकिन उन्हें कुछ समय पहले ही हटा दिया गया है. इसी को आधार बनाकर हनुमानगढ़ी ने हस्ताक्षर अभियान चलाकर दावा किया है. 

किशोर कुणाल ने कहा, पटना के महावीर मंदिर को लेकर कई बार हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में मुकदमे हुए, लेकिन हर बार महावीर न्यास ट्रस्ट के पक्ष में फैसला हुआ. इन मुकदमों में कभी हनुमानगढ़ी मंदिर का जिक्र नहीं हुआ. उन्होंने कहा, इस मामले में कहीं भी फैसला हो सकता है, चाहें वह कोर्ट हो या धार्मिक न्याय बोर्ड...कहीं भी हनुमानगढ़ी का दावा नहीं टिकेगा.

 

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