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बिहार में सियासी गठजोड़ की नई सुगबुगाहट, तेजस्वी ने थामा हार्दिक का हाथ

गुजरात से आए हार्दिक ने शुक्रवार को अपने बिहार दौरे के क्रम में तेजस्वी से मिलने की इच्छा जताई थी. इसके पहले हार्दिक ने कहा कि बिहार में कुर्मी, कुशवाहा और धानुक जाति के लोग एक हो जाएं तो किसी की नहीं चलेगी.

हार्दिक पटेल-तेजस्‍वी यादव हार्दिक पटेल-तेजस्‍वी यादव
रणविजय सिंह/रोहित कुमार सिंह
  • पटना,
  • 30 जून 2018,
  • अपडेटेड 4:49 AM IST

पटेल नवनिर्माण सेना (पनसे) के अध्यक्ष हार्दिक पटेल शनिवार को बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव से मिले. इस दौरान दोनों नेताओं ने काफी देर तक बातचीत की. तेजस्वी ने कहा कि 'हम तानाशाही ताकतों से मिलकर व डटकर लड़ेंगे और जीतेंगे.'

हार्दिक पटेल शाम में तेजस्वी के आवास पर पहुंचे. उनसे मुलाकात के बाद तेजस्वी ने ट्वीट किया, "महात्मा गांधी की जन्मभूमि से चलकर कर्मभूमि पधारे युवा साथी हार्दिक पटेल से आज अपने आवास पर मुलाकात हुई. हम युवा दक्षिणपंथी अधिनायकवाद के खात्मे, समतामूलक समाज के निर्माण, किसानों और युवाओं के हितों के लिए संघर्षरत हैं. हम तानाशाही ताकतों से मिलकर व डटकर लड़ेंगे और जीतेंगे."

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गुजरात से आए हार्दिक ने शुक्रवार को अपने बिहार दौरे के क्रम में तेजस्वी से मिलने की इच्छा जताई थी. मुलाकात के बाद तेजस्वी यादव ने हार्दिक पटेल को अपना मित्र बताया और उनसे आग्रह किया कि इस वक्त देश के हालात को देखते हुए हार्दिक बिहार का दौरा बार-बार करें.

वहीं, हार्दिक ने कहा कि बिहार में कुर्मी, कुशवाहा और धानुक जाति के लोग एक हो जाएं तो किसी की नहीं चलेगी. उन्होंने खुद का नाम भी बदलते हुए कहा कि 'मेरा नाम कुर्मी धानुक हार्दिक पटेल' है.

पटना में पटेल जागरूकता सम्मेलन को संबोधित करते हुए हार्दिक ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा, "इस बार नीतीश चाचा ने मुझे इसलिए नहीं बुलाया कि दिल्ली वाले नाराज हो जाएंगे. मैं कहूंगा कि चाचा हमसे क्यों डर गए? हम नालंदा से चुनाव नहीं लड़ने वाले हैं."

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पटेल नेता ने आरोप लगाया कि इस सम्मेलन में लोगों को आने से रोकने की प्रशासन की तरफ से काफी कोशिश की गई. जगह-जगह नाकाबंदी की गई, फिर भी बड़ी संख्या में लोग सम्मेलन में पहुंचे.

कुर्मी, कुशवाहा और धानुक जातियों से एकजुट होने की अपील करते हुए उन्होंने कहा, "अगर हम एक हो जाएं, तो हमारे आगे किसी की नहीं चलेगी. एकजुट होने पर भी हमारा हक मिल सकेगा."

उन्होंने कहा कि अगले दो साल के अंदर गांधी मैदान में 10 लाख कुर्मियों को इकठ्ठा करना है. हार्दिक ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग का जिक्र करते हुए कहा, "विशेष राज्य के दर्जा के लिए अगर नीतीश डटकर खड़े हुए तो हम भी बिहार की 12 करोड़ जनता के साथ उनकी मदद के लिए आएंगे, लेकिन अगर इसके बहाने वे सिर्फ अपना चेहरा चमकाएंगे तो कोई भी उनके साथ नहीं रहेगा."

उन्होंने कहा कि बिहार पिछड़ा राज्य है. अब बारिश के दिनों में अधिकांश हिस्से बाढ़ से ग्रस्त और त्रस्त हो जाएंगे. फिर नीतीश सरकार कहेगी, चूहों ने बांधों में सुराख कर दिया. हार्दिक ने स्वामीनाथ आयोग की सिफारिश लागू न करने को लेकर केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा.

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