
हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी राज्य में ताड़ी पर बैन से खफा हो गए हैं. उन्होंने रविवार को इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि ताड़ी में कुछ गलत नहीं है, यह प्राकृतिक है और उन्होंने भी पी है. उनकी यह प्रतिक्रिया नीतीश सरकार की ओर से राज्य में देसी और मसालेदार शराब के बाद ताड़ी पर भी पूरी तरह पाबंदी लगाने की खबर पर आई है.
एससी-एसटी समुदाय के खिलाफ है नीतीश सरकार
मांझी ने कहा है कि जेडीयू-राजेडी गठबंधन सरकार लोगों पर अन्याय कर रही है. फैसले से नाराज मांझी ने राज्य सरकार को गरीब और अनुसूचित जाति और जनजाति के खिलाफ बताया
है. भड़के हुए मांझी ने कहा कि ताड़ी प्राकृतिक है और इसके कारोबार में गरीब और एससी और एसटी लोग शामिल हैं. पाबंदी से उनकी कमाई खत्म हो जाएगी. नीतीश सरकार को ऐसा
जनविरोधी कदम नहीं उठाना चाहिए.
मांझी बोले- मैंने दवा के तौर पर ताड़ी पी है
जीतनराम मांझी ने सार्वजनिक तौर पर कहा कि ताड़ी को दवा के तौर पर भी लिया जाता है. मैंने खुद ताड़ी पी है. उन्होंने कहा कि लगातार 15 दिनों तक दवा के रूप में मैंने ताड़ी का
सेवन किया है. उन्होंने कहा कि शराब पर पाबंदी के बाद ताड़ी के कारोबार के बढ़ने की संभावना थी, लेकिन सरकार ने लोगों के खिलाफ काम किया है.
शराबबंदी के बाद ताड़ी की खपत की बढ़ने की खबर
पहली अप्रैल से देसी शराब पर पाबंदी के बाद ताड़ी के अवैध कारोबार के बढ़ने की आशंका के बीच उत्पाद विभाग ने ताड़ी बेचने पर भी रोक लगा दी. उत्पाद विभाग ने बताया कि पाबंदी के बाद
मौजूदा हालात का फायदा उठाकर धंधे बाज ताड़ी में अवैध शराब और नशीली पदार्थ मिलाकर पिला रहे हैं. खबर मिलने के बाद विभाग ने ताड़ी बेचने पर भी पाबंदी लगा दी है. शराब बंदी के
कुछ ही घंटों बाद विभाग को ताड़ी की खपत बढ़ने की खबर मिली थी. राज्य में अचानक ताड़ी पीने वाले भी बढ़ने की खबर है.