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योग को लेकर गंभीर हैं तो PM बीजेपी शासित राज्यों में शराब को प्रतिबंध करें: नीतीश कुमार

नीतीश ने कहा, ‘योग नैसर्गिक उपचार प्रक्रिया है लेकिन शराब के आदी इसे नहीं कर सकते. पूरे देश में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाए बगैर योग अप्रासंगिक है.’

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
लव रघुवंशी/BHASHA
  • मेदिनीनगर (झारखंड),
  • 19 जून 2016,
  • अपडेटेड 11:32 PM IST

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस से पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को कहा कि पूरे देश में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाए बगैर यह प्राचीन विधा ‘अप्रासंगिक’ है. नीतीश कुमार ने पीएम मोदी से इस सिलसिले में कदम उठाने की अपील की. उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी योग को लेकर इतनी गंभीर है तो पीएम को कम-से-कम बीजेपी शासित राज्यों में शराब को प्रतिबंध करना चाहिए.

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नीतीश ने कहा, ‘योग नैसर्गिक उपचार प्रक्रिया है लेकिन शराब के आदी इसे नहीं कर सकते. पूरे देश में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाए बगैर योग अप्रासंगिक है.’ मोदी पर परोक्ष रूप से प्रहार करते हुए कुमार ने कहा, ‘मैं बचपन से योग कर रहा हूं लेकिन कभी इसका प्रचार नहीं किया.’ उन्होंने बीजेपी पर अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को ‘पार्टी का मामला’ बनाने का भी आरोप लगाया.

बिहार के सीएम ने कहा, ‘स्वतंत्रता के समय से ही गुजरात में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध है और इसमें मोदी की कोई भूमिका नहीं है. इसलिए उन्होंने इसका श्रेय लेने का प्रयास नहीं करना चाहिए.’ उन्होंने कहा, ‘हमारी तरह के लोकतांत्रिक व्यवस्था में वाणिज्य और व्यवसाय पर समाज के कल्याण को प्राथमिकता दी जानी चाहिए.’ उन्होंने कहा, ‘राजस्व सृजन के दूसरे रास्ते भी हैं.’ उन्होंने कहा कि अगर अनुकूल वातावरण रहता है और कानून-व्यवस्था बनी रहती है तो वाणिज्य, व्यवसाय और उद्योग के माध्यम से पर्याप्त राजस्व अर्जित किया जा सकता है.’

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उन्होंने आरोप लगाया, ‘मैंने बिहार में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय किया है, वहीं झारखंड की सरकार ने सीमावर्ती क्षेत्रों में शराब का कोटा बढ़ा दिया है. यह 1915 के आबकारी अधिनियम का उल्लंघन है जिसके तहत शराब प्रतिबंधित क्षेत्र के 3.6 किलोमीटर इलाके के दायरे के अंदर शराब बिक्री नहीं हो सकती.’

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