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केंद्रीय मंत्री अश्वनी चौबे के बेटे अर्जित की अग्रिम जमानत याचिका खारिज

अर्जित पर 17 मार्च को भागलपुर के नाथनगर में बिना प्रशासन की इजाजत के शोभा यात्रा निकालने और भड़काउ गाने बजाने का आरोप है. इसकी वजह से नाथनगर और चंपानगर में तनाव फैला और हिंसा हुई. इसमें पुलिसकर्मी सहित कई लोग घायल हो गए थे. पुलिस ने अर्जित पर दंगा फैलाने का भी आरोप लगाया है.

केंद्रीय मंत्री अश्वनी चौबे और अर्जित शास्वत चौबे केंद्रीय मंत्री अश्वनी चौबे और अर्जित शास्वत चौबे
सुजीत झा/वरुण शैलेश
  • पटना,
  • 31 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 11:50 PM IST

बिहार के भागलपुर में फैली हिंसा में केंद्रीय मंत्री अश्वनी चौबे के आरोपी बेटे अर्जित शास्वत चौबे की अग्रिम जमानत याचिका भागलपुर कोर्ट ने खारिज कर दी है. अर्जित के खिलाफ वारंट जारी है और पुलिस उनकी गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी कर रही है, लेकिन अभी तक उनका कुछ पता नहीं चल पाया है. भागलपुर के डीआईजी विकास वैभव ने अर्जित के गिफ्तारी के लिए स्पेशल टीम बनाई है.

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अर्जित को आखरी बार 25 मार्च को रामनवमी के दिन पटना में एक शोभायात्रा के दौरान देखा गया था. उसके बाद 26 मार्च को भी उसने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी, लेकिन उसके बाद से उसका कुछ पता नहीं चल रहा है. पुलिस को अर्जित के दिल्ली या कोलकाता में होने का संदेह है, लेकिन ये भी आशंका जताई जा रही है कि कहीं वह गिरफ्तारी के डर से नेपाल तो नहीं चले गए.

अर्जित पर 17 मार्च को भागलपुर के नाथनगर में बिना प्रशासन की इजाजत के शोभा यात्रा निकालने और भड़काउ गाने बजाने का आरोप है. इसकी वजह से नाथनगर और चंपानगर में तनाव फैला और हिंसा हुई. हिंसा में पुलिसकर्मी सहित कई लोग घायल हो गए थे. पुलिस ने अर्जित पर दंगा फैलाने का भी आरोप लगाया है.

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वहीं अर्जित ने अपनी सफाई में कहा कि उन्होंने प्रशासन को शोभायात्रा की जानकारी लिखित में दी थी, लेकिन प्रशासन की तरफ से लिखित आदेश नहीं दिया गया था. प्रशासन अपने को बचाने के लिए उन्हें बलि का बकरा बना रहा है.

अर्जित के पिता केंद्रीय मंत्री अश्वनी चौबे ने अपने बेटे का पक्ष लेते हुए कहा था कि क्या जय श्रीराम कहना, भारत माता की जय कहना कोई अपराध है. अगर ये अपराध है तो मुझे मेरे बेटे पर गर्व है. लेकिन विपक्ष लगातार अर्जित की गिरफ्तारी के लेकर हंगामा करता रहा है. कई दिनों तक विधानसभा तक नहीं चली. अब जबकि अर्जित की जमानत याचिका खारिज हो गई है तो पुलिस उनके खिलाफ और कड़े कदम उठा सकती है. हालांकि अर्जित ने पटना हाईकोर्ट में एफआईआर को खारिज करने के लिए भी याचिका दायर की है, जिस पर अभी सुनवाई होनी है.

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