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जगन्नाथ मिश्रा: बिहार का ऐसा सीएम जिसकी लालू से पहले बोलती थी तूती

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा का सोमवार को 82 साल की उम्र में निधन हो गया. बिहार की सियासत के जगन्नाथ मिश्रा बेताज बादशाह माने जाते थे. लालू यादव से पहले उनकी तूती बोलती थी. इसी का नतीजा था कि वो तीन बार बिहार के मुख्यमंत्री बने.

जगन्नाथ मिश्रा और लालू प्रसाद यादव (फोटो-फाइल) जगन्नाथ मिश्रा और लालू प्रसाद यादव (फोटो-फाइल)
कुबूल अहमद
  • नई दिल्ली,
  • 19 अगस्त 2019,
  • अपडेटेड 12:03 PM IST

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा का दिल्ली में निधन हो गया है. वे लंबे समय से बिमारी से जूझ रहे थे और सोमवार को उन्होंने 82 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया. बिहार की सियासत के जगन्नाथ मिश्रा बेताज बादशाह माने जाते थे. लालू यादव से पहले उनकी जबरदस्त तूती बोलती थी. इसी का नतीजा था कि वो तीन बार बिहार के मुख्यमंत्री बने.

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जगन्नाथ मिश्रा ने प्रोफेसर के रूप में अपना करियर शुरू किया था और बाद में बिहार विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर बने. जगन्नाथ को अपने बड़े भाई ललित नारायण मिश्रा से राजनीति विरासत में मिली थी. ललित नारायण मिश्रा कांग्रेस के दिग्गज नेता थे और रेल मंत्री भी रहे.

डॉ जगन्नाथ मिश्रा विश्वविद्याल में पढ़ाने के दौरान ही भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हुए. इसके बाद उन्होंने सियासी कामयाबी की सीढ़ियां लगातार चढ़ते गए और तीन बार बिहार के मुख्यमंत्री बने. वह 1975 में पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री बने. दूसरी बार उन्हें 1980 में कमान सौंपी गई और आखिरी बार वह 1989 से 1990 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे.

जगन्नाथ मिश्रा 90 के दशक में केंद्रीय कैबिनेट मंत्री भी रहे. बिहार में डॉ मिश्रा का नाम बड़े नेताओं के तौर पर जाना जाता है. कांग्रेस छोड़ने के बाद, वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए थे. इसके बाद जेडीयू में शामिल हो गए. 2015 में जीतन राम मांझी के जरिए बीजेपी में एंट्री करना चाहते थे. मांझी ने विधानसभा चुनाव में टिकट के लिए नाम दिया था, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिल सका.

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मिश्रा का दामन दागदार भी रहा है. उनका नाम बिहार के चर्चित चारा घोटाले में भी आया था. 30 सितंबर 2013 को रांची में एक स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने चारा घोटाले में 44 अन्य लोगों के साथ उन्हें दोषी ठहराया. उन्हें चार साल की कारावास हुईऔर उन पर 200,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया था, लेकिन बाद में वह कोर्ट से बरी हो गए.

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