
बिहार के लोगों की कश्मीर में हत्या होने पर बीजेपी विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने इसे कायराना हरकत बताते हुए कहा कि पाकिस्तान के लोगों के साथ मिलकर गरीबों को मार रहे हैं. विधायक ने केंद्र सरकार से कार्रवाई करने की मांग की और सुरक्षा देने की मांग की, जिससे कि वहां से बिहार के लोगों का पलायन नहीं हो.
वहीं विधायक नें यह भी कहा कि एक जगह रोजगार की व्यवस्था की जाए जहां सुरक्षा भी हो. विधायक ने यह भी कहा कि बाहर से आये लोगों को संविधान में संसोधन कर सरकार आर्म्स का लाइसेंस दे. जिससे कि वो अपनी रक्षा आतंकियों से कर सकें. विधायक ज्ञानू ने तो यहां तक कह दिया कि बाहरियों को फ्री में AK-47 दें जिससे वो खुद अपनी सुरक्षा कर सकें.
इससे पहले कश्मीर में बिहार के लोगों पर हुए हमलों पर सीएम नीतीश कुमार ने चिंता जताई थी. उन्होंने प्रदेश के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से बात भी की थी. इसके अलावा मारे गए लोगों के परिवारों को 2-2 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की थी. वहीं RJD नेता तेजस्वी यादव ने इन हत्याओं के लिए बिहार सरकार को जिम्मेदार ठहराया. वहीं राज्य के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने कहा कि 15 दिनों के लिए बिहारियों को कश्मीर सौंप देना चाहिए. वे सब ठीक कर देंगे.
वहीं कश्मीर के मुद्दे पर जीतनराम मांझी ने आजतक से बातचीत की.
कश्मीर से लगातार टारगेटेड किलिंग की खबरें आ रही हैं जिसमें देखा जा रहा है कि बाहर से आए राज्यों के लोगों को टारगेट किया जा रहा है, के सवाल पर जीतन राम मांझी ने आजतक से कहा कि वहां आतंकवादियों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है, सरकार संवेदनशीलता से काम कर रही है लेकिन फिर भी आतंकवादियों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है, हम बहुत दिनों से यह सब देख रहे हैं लेकिन जब देख रहे हैं कि बिहार के लोगों को टारगेट किया जा रहा है और अब देखा जा रहा है कि उस टारगेट किलिंग की वजह से जैसे कोरोना के समय पर लोग भागे थे वैसे ही अभी भाग रहे हैं. इसीलिए हमने कहा है कि केंद्र सरकार इसको और गंभीरता से लें और कड़ा एक्शन ले जैसे इंदिरा गांधी ने कड़ा एक्शन लिया था और बांग्लादेश को बना दिया था. जब तक इसमें एक्शन नहीं लिया जाता तब तक इसमें कुछ निकल कर के नहीं आएगा. हमने देखा था बिहार के लोगों ने बिहार रेजिमेंट में कारगिल में क्या खूब काम किया था इसी चीज पर हमने कहा कि बिहार के लोगों को15 दिन के लिए कश्मीर सौंप दें.
'...कैसे पॉलिटिकल बोला जा सकता है?'
अगले सवाल- लेकिन पॉलीटिकल लीडर्स यह भी कह रहे हैं कि इस पूरे मामले को पॉलिटिक्स से जोड़कर नहीं देखना चाहिए, पर मांझी ने कहा कि हमारे लोगों की हत्या हो रही है और ऐसे में अगर हम नहीं बोलेंगे तो और कौन बोलेगा और इस चीज को कैसे पॉलिटिकल बोला जा सकता है ?
इसके अलावा अगले सवाल- वहां पर डर का माहौल है और लोग अपनी जान बचाकर भाग पर हुए नजर आ रहे हैं उन लोगों को आप क्या कहेंगे? पर मांझी ने कहा कि कैसे उनको धैर्य बनाए रखने के लिए कह दे? धैर्य बनाए रखने का मतलब तो यह है कि उन्हें मारे जाने के लिए हम छोड़ दें. अगर हम सुरक्षा के दृष्टिकोण से देखें तो हम सरकार से यह कहेंगे कि उनको वापस बिहार भेज दे वरना उन्हें सुरक्षा दे और नहीं तो हम बिहारियों को 15 दिन के लिए कश्मीर को सौंप दें.
अक्टूबर को गृह मंत्री भी कश्मीर जा रहे हैं क्या आपको लगता है उनके वहां जाने से स्थिति में बदलाव आएगा? के सवाल पर मांझी ने कहा, 'गृहमंत्री वहां जा रहे हैं उनका काम है... आना, जाना देखना, लेकिन अगर उनके चाहने से वहां पर इसी से रुक जाती हैं तो अच्छी बात है. हमें नहीं लगता कि वहां उनके जाने से हत्याएं रुक जाएंगी. हालांकि हमारी प्रार्थना यही है कि हमारे और लोग ना मारे जाएं.'
'लोग डर गए हैं...'
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में आतंकी गैर-कश्मीरियों को निशाना बना रहे हैं, इससे लोग डर गए हैं. रविवार को दक्षिणी कश्मीर के कुलगाम जिले में आतंकियों ने दो बिहार के रहने वाले मजदूरों की हत्या कर दी. मृतकों की पहचान बिहार के निवासी राजा और जोगिंदर के रूप में हुई है. राजा ऋषिदेव (32) और जोगिंदर ऋषिदेव (34) दोनों अररिया के रहने वाले थे. इनके साथ चुनचुन ऋषिदेव को भी गोली मारी गई थी, लेकिन उनकी जान बच गई. राजा, जोगिंदर और चुनचुन करीब छह महीने पहले कश्मीर गए थे.
शनिवार को भी आतंकियों ने पुलवामा और श्रीनगर में दो लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी. श्रीनगर में बिहार के बांका जिले के रहने वाले अरविंद कुमार साह (30) को निशाना बनाया गया था. वहीं, पुलवामा में यूपी निवासी सगीर अहमद की हत्या की गई थी. 56 साल के सागीर यूपी में सहारनपुर के रहने वाले थे.