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RCP का टिकट कटने का साइड इफेक्ट, जदयू को अपने संगठन के बिखरने का डर, चल रही है ये तैयारी

आरसीपी सिंह के टिकट कटने का जदयू में साइड इफेक्ट दिख रहा है. इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा और उनकी टीम लगातार संगठन को मजबूती देने में लगी है.

आरसीपी सिंह फाइल फोटो आरसीपी सिंह फाइल फोटो
सुजीत झा
  • पटना,
  • 02 जून 2022,
  • अपडेटेड 11:35 AM IST
  • संगठन विस्तार पर जदयू का ध्यान 
  • पार्टी में 12 प्रकोष्ठ कर रहे काम

बिहार में राज्यसभा सांसद और केंद्रीय मंत्री के साथ जदयू नेता आरसीपी सिंह के टिकट कटने का जदयू में साइड इफेक्ट साफ दिख रहा है. इस इफेक्ट का असर ये है कि जदयू को लगता है कि उसका सांगठनिक ढांचा बिखरने लगा है. जदयू एहतियात के तौर पर सबसे ज्यादा अपने संगठन को लेकर सजग है. प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा और उनकी टीम लगातार संगठन को मजबूती देने में लगी है. पार्टी अब उनकी छुट्टी कर रही है, जिनका काम पूरी तरह संतोष जनक नहीं है. जदयू के अंदर मची हलचल को देखें, तो कहा जा रहा है कि आरसीपी का टिकट कटने के बाद जदयू पार्टी के सांगठनिक ढांचे को लेकर मुस्तैद हो गई है और लगातार एक्शन ले रही है.

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संगठन विस्तार पर जदयू का ध्यान 
जदयू अब पूरी तरह से संगठन विस्तार पर ध्यान दे रही है. प्रदेश कार्यालय में लगातार उमेश कुशवाहा पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर रहे हैं. इस मुलाकात की बड़ी बात ये है कि अध्यक्ष उन लोगों से भी मुलाकात कर रहे हैं, जो प्रकोष्ठ भंग हो चुके हैं और उनके नेता असंतुष्ट बताए जा रहे हैं. पार्टी नेतृत्व असंतुष्ठ नेताओं से फीडबैक ले रहा है ताकि कुछ भंग प्रकोष्ठ को फिर से बहाल किया जा सके और असंतुष्टों को दूसरी तरफ भागने ना दिया जाए. 

पार्टी में 12 प्रकोष्ठ कर रहे काम
पार्टी में इस वक्त 12 प्रकोष्ठ काम कर रहे हैं.पार्टी को और प्रकोष्ठ बढ़ाने की तैयारी में हैं. JDU का शीर्ष नेतृत्व इस बार संगठन को लेकर बेहद सचेत है और संगठन में जिन्हें भी मौक़ा दिया गया हैं. उनके काम का आकलन किया जा रहा है. और जिनका भी काम संतोषजनक नहीं होगा उनकी छुट्टी की तैयारी भी हो रही हैं. नए लोगों को मौका देने की तैयारी भी है.

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भंग प्रकोष्ठ के नेता उमेश कुशवाहा से मिलकर खुश
इधर, भंग प्रकोष्ठ के नेता उमेश कुशवाहा से मिलकर खुश हैं. उन्हें लगता है कि प्रदेश अध्यक्ष उनसे मिल रहे हैं. उनकी बातें सुनी जा रही है. ये बहुत बड़ी बात है. वहीं जदयू इस कवायद को हाल में हुई राजनीतिक घटनाक्रम और पार्टी से असंतुष्ठ लोगों को जोड़ने की कोशिश मानकर चल रही है. स्थानीय नेता कहते हैं कि उन्हें मौका दिया जा रहा है, वो पार्टी के लिए अपनी पूरी ताकत लगा देंगे. इस कवायद की सबसे बड़ी बात ये है कि ये जो 12 प्रकोष्ठ बने थे, उस समय नेतृत्व आरसीपी सिंह के हाथ में था. 

आरसीपी के टिकट कटने का साइड इफेक्ट दिखने लगा
ललन सिंह ने इन प्रकोष्ठों को भंग कर दिया. अब जब आरसीपी का टिकट कट गया है और उनके बनाये प्रकोष्ठ के नेता भी असंतुष्ट बताए जा रहे हैं. ऐसे में उमेश कुशवाहा उन्हें बुलाकर फेस टू फेस मिल रहे हैं. ताकि आने वाले दिनों में विधानसभा औ लोकसभा की तैयारी में कोई दिक्कत ना हो. लेकिन इतना तय है कि आरसीपी के टिकट कटने का साइड इफेक्ट पार्टी पर दिखने लगा है.
 

 

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