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शराब मामले में फंसे जेडीयू नेता को बचाने में लगी है सरकार- बीजेपी

बिहार में शराबबंदी अब नेताओं पर ही भारी पड़ने लगी है, और इस मुद्दे पर राजनीति भी खूब हो रही है. ताजा मामला जनता दल यू के नालंदा जिले के हरनौत प्रखंड के अध्यक्ष की गिरफ्तारी को लेकर है. बीजेपी का आरोप है कि प्रखंड अध्यक्ष को बचाने के लिए पूरा प्रशासन लगा है क्योंकि नालंदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गृह जिला भी है

शराब मामले में फंसे जेडीयू नेता शराब मामले में फंसे जेडीयू नेता
सुजीत झा/अमित रायकवार
  • बिहार,
  • 03 सितंबर 2016,
  • अपडेटेड 2:28 PM IST

बिहार में शराबबंदी अब नेताओं पर ही भारी पड़ने लगी है, और इस मुद्दे पर राजनीति भी खूब हो रही है. ताजा मामला जनता दल यू के नालंदा जिले के हरनौत प्रखंड के अध्यक्ष की गिरफ्तारी को लेकर है. बीजेपी का आरोप है कि प्रखंड अध्यक्ष को बचाने के लिए पूरा प्रशासन लगा है क्योंकि नालंदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गृह जिला भी है. हांलाकि जनता दल यू बीजेपी के इस आरोप को सिरे से खारिज करती है. उसका कहना है कि, हरनौत के प्रखंड अध्यक्ष इंद्रजीत सेन प्रसाद को फंसाया गया है. जनता दल यू के प्रवक्ता नीरज कुमार का कहना है कि शराब प्रखंड अध्य़क्ष के घर में प्लांट किया गया था.

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168 बोतल विदेशी शराब बरामद हुई
30 अगस्त को उत्पाद विभाग ने हरनौत के प्रखंड अध्यक्ष इंद्रजीत सेन प्रसाद के घर पर छापा मार कर तीन कार्टून. यानी लगभग 168 बोतल विदेशी शराब बरामद किया था. उन्हें गिरफ्तार भी किया गया, लेकिन उसके बाद कि कहानी कुछ अगल हो गई. इस मामले में कार्रवाई करने वाले उत्पाद निरीक्षक दीपक कुमार से नालंदा के जिलाधिकारी और एसपी पूछताछ करने लग जाते हैं. ऐसा पहली बार हुआ कि कार्रवाई करने पर उत्पाद अधिकारी से न सिर्फ पूछताछ की गई, बल्कि उन्हें 12 घंटे तक दीपनगर थाने रखा गया है.

सुवेंद्र कुमार को पुलिस हिरासत में लिया
खुद उत्पाद निरीक्षक दीपक कुमार हैरान है कि आखिर उनका कसूर क्या है. उन्होंने कानून के मुताबिक कार्रवाई की फिर जिला प्रशासन उनके साथ ऐसा क्यों कर रहा है. यही नहीं इंद्रजीत सेन प्रसाद की पत्नी से मुखिया का चुनाव हारने वाला लोहरा पंचायत के पूर्व मुखिया सुवेंद्र कुमार को भी पुलिस हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है. पुलिस ने सुवेंद्र कुमार को कहां रखा है, ये उसके परिवारवालों को भी नही पता है. पुलिस ने पूर्व मुखिया को इसलिए गिरफ्तार किया है क्योंकि उसे शक है कि उसी ने जनता दल यू के हरनौत प्रखंड अध्यक्ष के घर शराब प्लांट कराया है. दरअसल प्रखंड अध्यक्ष की पत्नी मधुमिता सिन्हा पूर्व मुखिया की पत्नी को हरा कर इस बार मुखिया बनी है। और शक का आधार यही है कि हार का बदला लेने के लिए शराब प्लांट किया गया है.

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छापेमारी में हुई तीन कार्टून शराब बरामद
जिस दिन छापेमारी हुई थी उस दिन नालंदा के उत्पाद निरीक्षक दीपक कुमार ने कहा कि इंद्रजीत सेन प्रसाद के घर शराब एक कमरे से बरामद किया गया था. जिसमें ताला बंद था. उनका ये भी कहना है कि सूचना मिलने पर वो ये नहीं देखते कि किसका घर है. छापेमारी में तीन कार्टून विदेशी शराब के पकडे गए. कानून के मुताबिक इंद्रजीत सेन प्रसाद को तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया. लेकिन अगले दिन मामला उलटा हो गया. जिले के डीएम और एसपी को लगा कि यह शराब प्लाट की गई है. इसलिए उत्पाद अधिकारी से पूछताछ की गई साथ ही पूर्व मुखिया को भी हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है.

कानून का जो गलत इस्तेमाल करेगा उस पर भी होगी कार्यवाई
जनता दल यू के प्रवक्ता नीरज कुमार के मुताबिक बिहार उत्पाद नियम के अनुसार शराब, जिनके घर से मिलेगी उन पर कठोर कार्रवाई होगी और जो इस कानून का दुरूपयोग करेगा उस पर भी कठोर कार्रवाई होगी. हरनौत में पाया गया है की शराब को प्लांट किया गया है, तो जिन लोगों को फसाने की करवाई की वैसे लोग भी इस कानून के दायरे में है और कानून को हाथ में लेने की इजाजत नहीं है. उनका ये भी कहना है कि जहां शराब पकड़ी गई है उस घर की भगौलिक स्थिति ऐसी है कि जहां गैरेज था उसमे शराब रख दिया हो, और आम लोगो के मुंह से भी ये बात निकली की उन्हें फंसाया गया है.

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नीरज कुमार की चुनौती
नीरज कुमार ने चुनौती दी कि अगर बीजेपी के पास कोई साक्ष्य है कि जद यू के नेता को बचाने की कोशिश की जा रही है उसे सार्वजनिक करे. दुसरी तरफ बीजेपी के वरिष्ठ नेता नंदकिशोर यादव का आरोप है पूरे मामले की लीपापोती कर रही है सरकार. क्योंकि जदयू का नेता पकड़ा गया है, इसलिए अपनी साख को बचाने में सरकार लगी हुई है, क्योंकि मुख्यमंत्री का गृह जिला है इसलिए पुरे मामले की लीपापोती हो रही है, और 160 बोतल शराब कोई किसी के घर में कैसे प्लांट कर सकता है

मधुमिता सिन्हा ने लगाया पति को फंसाने का आरोप
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय ने नीतीश कुमार पर आरोप लगाते हुए कहा कि अगर उत्पाद विभाग के किसी अधिकारी ने जेडीयू के नेता को शराब के साथ गिरफ्तार कर लिया, तो फिर उस अधिकारी की खैर नहीं. नीतीश कुमार के इशारे पर उस अधिकारी को प्रताड़ित किया जाने लगता है. उन्होंने कहा कि इसका उदाहरण है नालंदा के उत्पाद निरीक्षक दीपक कुमार जिसे पुलिस ने हिरासत में ले रखा है. हालांकि जेडीयू नेता चंद्रजीत सेन की पत्नी मधुमिता सिन्हा ने अपने पति को फंसाने का आरोप लगा रही है. गिरफ्तारी वाले दिन लोगों ने गिरफ्तारी के विरोध में सड़क को भी जाम किया था.

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शराब तस्करी में विधायक जा चुके हैं जेल
शराब की तस्करी और पीने के मामले में पहले भी नेताओं पर कार्रवाई हुई है खुद जनता दल यू के पूर्व विधायक जेल की हवा खा चूके है. आजतक के स्टिंग में फंसे कांग्रेस विधायक महीनों फरार रहते है. कई और नेता है जो पकड़े गए है, दरभंगा के बीजेपी के विधायक के भाई शराब पीते हुए सरकारी गाड़ी में तीन लोगों के साथ पकड़े गए, हालांकि अदालत में यह साबित हो गया कि उन्होंने शराब नही बल्कि गुटखा खाया था.

शराब मिलने पर है 10 साल कैद का प्रवधान
ये आरोप प्रत्यारोप अलग बात है लेकिन ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है कि शराब घर में मिलने के बावजूद ये जांच की जा रही है कि शराब कही प्लांट तो नहीं कराया गया है. बिहार में शराबबंदी को लेकर सरकार ने कड़े कानून बनाए हैं. जिसमें 10 साल की कैद के साथ साथ जिसके घर में शराब मिलेगी, उसके घर को भी जब्त कर लेने का प्रावधान है. हालांकि ऐसे बहुत सारे केस होंगे जिसमें शराब प्लांट किया गया होगा क्या उसकी कभी जांच हुई सवाल ये भी है.

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