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JDU एमएलसी दिनेश सिंह पटना एयरपोर्ट पर रोके गए, IT ने करीब 3 घंटे की पूछताछ

पटना एयरपोर्ट से आईटी की पूछताछ के बाद जब दिनेश सिंह निकले तो उन्होंने कहा कि उनके पास से कोई पैसा बरामद नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि मेरे पास कहां कोई पैसा है देख लीजिए. इसके बाद जेडीयू एमएलसी ने कहा कि उनकी तबीयत खराब  है, वो इसके बारे में सुबह जानकारी देंगे. 

जेडीयू एमएलसी दिनेश सिंह (फोटो- एएनआई) जेडीयू एमएलसी दिनेश सिंह (फोटो- एएनआई)
सुजीत झा
  • पटना,
  • 21 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 8:33 AM IST

पटना एयरपोर्ट पर जेडीयू एमएलसी दिनेश सिंह (JDU MLC Dinesh Singh) को रोककर उनसे आयकर विभाग (Income Tax Department) की टीम ने पूछताछ की. आईटी टीम की पूछताछ के करीब तीन घंटे बाद दिनेश सिंह एयरपोर्ट से निकले. वहीं पूछताछ के बारे में दिनेश सिंह ने बताया कि कोई बात नहीं थी.  

एयरपोर्ट से आईटी की पूछताछ के बाद जब वो निकले तो दिनेश सिंह ने कहा कि उनके पास से कोई पैसा बरामद नहीं हुआ है. मेरे पास कहां कोई पैसा है देख लीजिए. इसके बाद जेडीयू एमएलसी ने कहा कि उनकी तबीयत खराब  है, वो इसके बारे में सुबह जानकारी देंगे. बताया जा रहा है कि दिनेश सिंह दिल्ली से पटना आ रहे थे और एयरपोर्ट से बाहर निकलते ही उनसे पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया और पूछताछ की गई. 

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सील बंद अटैची लेकर निकली थी टीम

दिनेश सिंह से पूछताछ के बाद जब आयकर विभाग की टीम पटना एयरपोर्ट से बाहर निकली तो उनके हाथ में एक सील अटैची थी. उस सूटकेस में क्या था इसके बारे में पता नहीं चल सका. आयकर विभाग की टीम से मीडिया ने बयान लेना चाहा लेकिन अधिकारियों ने भी कुछ नहीं बोला. बयान नहीं आने से कुछ स्पष्ट नहीं हो सका है कि आखिर अंदर उनसे क्या पूछताछ हुई है. हालांकि आयकर विभाग की टीम के अधिकारियों ने इस बारे में कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया.  

बिहार चुनाव के समय चर्चा में आए थे दिनेश सिंह

जेडीयू एमएलसी दिनेश सिंह बिहार चुनाव के समय चर्चा में आए थे. दिनेश सिंह की बेटी कोमल सिंह गयाघाट विधानसभा से एलजेपी के चुनाव लड़ रही थी, दिनेश सिंह पर आरोप था कि वो पार्टी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों पर दबाव बना रहे थे कि एलजेपी प्रत्याशी कोमल सिंह के पक्ष में काम करें. साथ ही पार्टी पदाधिकारियों को फोन पर धमकी भी दी जा रही थी. जिसके बाद दिनेश सिंह को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था और उन्हें 10 दिन में लिखित पक्ष रखने का आदेश दिया गया था.
 

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