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विपक्षी एकता की दूसरी मीटिंग से पहले JDU-RJD आमने-सामने! मंत्री vs IAS में तकरार से दोनों दलों में बढ़ी जुबानी जंग

2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले बेंगलुरु में 17-18 जुलाई को होने वाली विपक्षी दलों की दूसरे राउंड की बैठक से पहले एक तरफ जहां महाराष्ट्र में शरद पवार की NCP में अजित पवार की बगावत से बड़ी टूट हुई है, वहीं दूसरी ओर बिहार में भी जनता दल यूनाइटेड और आरजेडी के बीच मंत्री और IAS अधिकारी के बीच झगड़े को लेकर तनातनी पैदा हो गई है. शिक्षामंत्री चंद्रशेखर और आईएएस केके पाठक के बीच तकरार इस कदर बढ़ गई है कि दोनों दलों के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है.

शिक्षामंत्री चंद्रशेखर और IAS केके पाठक के बीच तकरार बढ़ती जा रही है शिक्षामंत्री चंद्रशेखर और IAS केके पाठक के बीच तकरार बढ़ती जा रही है
रोहित कुमार सिंह
  • पटना ,
  • 07 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 7:10 PM IST

महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में टूट के बाद एक तरफ जहां विपक्षी एकता को झटका लगा है, वहीं दूसरी तरफ बेंगलुरु की बैठक से पहले बिहार महागठबंधन के 2 महत्वपूर्ण दल जनता दल यूनाइटेड और आरजेडी के बीच चल रही जुबानी जंग के बाद देशव्यापी विपक्षी एकता पर भी सवाल खड़े हो गए हैं.

दरअसल, बिहार महागठबंधन में ताजा तकरार तब शुरू हुई जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने करीब एक महीने पहले वरिष्ठ आईएएस अधिकारी केके पाठक को शिक्षा विभाग का अतिरिक्त मुख्य सचिव नियुक्त किया. शिक्षा विभाग में अतिरिक्त मुख्य सचिव का पदभार संभालने के साथ ही केके पाठक ने बिहार की बदहाल शिक्षा प्रणाली को दुरुस्त करने के लिए सबसे पहले शिक्षक भर्ती नियमावली में बदलाव करते हुए डोमिसाइल नीति के प्रावधान को कैबिनेट के फैसले के जरिए समाप्त करवाया और उसके बाद शिक्षा विभाग के अधिकारियों को जींस और टीशर्ट पहनकर ऑफिस आने पर बैन लगा दिया.

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माना जा रहा है कि केके पाठक के इस फैसले से आरजेडी कोटे से आने वाले शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर नाखुश थे. केके पाठक के रवैए से नाराज होकर शिक्षा मंत्री के निजी सचिव कृष्ण नंदन यादव ने 4 जुलाई को मंत्रीजी की ओर से एक शिकायती पत्र केके पाठक को लिखा और उनके कामकाज के तरीके पर सवाल खड़े कर दिए. केके पाठक को लिखे गए शिकायती पत्र का नतीजा यह निकला कि उन्होंने अगले दिन से कृष्ण नंदन यादव की एंट्री शिक्षा विभाग के सभी दफ्तरों में बैन लगा दी. इससे चंद्रशेखर और केके पाठक विवाद और बढ़ गया.

लालू ने फोन पर की थी नीतीश से बात 

मंत्री और आईएएस अधिकारी के बीच की तकरार ऐसे खुलकर सामने आ गई कि आखिरकार आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद ने गुरुवार को दिल्ली रवाना होने से पहले चंद्रशेखर को अपने आवास पर बुलाया और सारी स्थिति से अवगत होने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को फोन करके पूरे मामले को सुलझाने के लिए कहा. लालू ने कहा कि हमने शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर को बुलाया था और उनको मुख्यमंत्री के यहां भेज दिया था. मुख्यमंत्री को फोन करके कहा है कि इनसे बात कर लीजिए और देख लीजिए क्या कंफ्यूजन है.

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नीतीश को बुलानी पड़ी थी मीटिंग 

लालू के दिल्ली रवाना होने के बाद ही नीतीश कुमार ने अपने आवास में महत्वपूर्ण बैठक बुलाई. जिसमें चंद्रशेखर और केके पाठक को बुलाया गया. साथ ही जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और बिहार सरकार के वरिष्ठ मंत्री विजय कुमार चौधरी भी शामिल हुए. नीतीश कुमार से मुलाकात होने के बाद मीडिया से बात करते हुए चंद्रशेखर ने दावा किया कि उनके और केके पाठक के बीच चल रहे विवाद को लेकर मुख्यमंत्री से उनकी कोई बातचीत नहीं हुई है. लेकिन शिक्षा मंत्री और आईएएस अधिकारी के बीच चल रहे विवाद को लेकर दोनों दलों के नेताओं के बीच में खुलकर जुबानी जंग देखी जा रही है. 

RJD विधायक बोले- ऐसे अधिकारी को जबरन रिटायर करें

पूर्व कृषि मंत्री और आरजेडी विधायक सुधाकर सिंह ने केके पाठक पर बड़ा हमला करते हुए कहा कि केके पाठक जैसे अधिकारी को जबरन रिटायर कर देना चाहिए. वहीं, RJD MLC सुनील कुमार सिंह ने नीतीश कुमार पर हमला करते हुए कहा कि नीतीश कुमार अक्सर दूसरे दलों के मंत्रियों और नेताओं को काबू में रखने के लिए केके पाठक जैसे कड़क आईएएस अधिकारियों का इस्तेमाल करते हैं. उन्होंने कहा कि जब नीतीश कुमार को लगता है कि दूसरे दल के नेताओं को कंट्रोल में रखना है तो फिर वह केके पाठक जैसे आईएएस अधिकारियों की नियुक्ति उस विभाग में की जाती है. उधर, बिहार सरकार के मंत्री और जेडीयू नेता श्रवण कुमार ने कहा कि केके पाठक एक ईमानदार और नियम-कायदे-कानून के तहत काम करने वाले आईएएस अधिकारी हैं.

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अपने विवादित बयानों से सुर्खियों में रहे थे शिक्षामंत्री चंद्रशेखर

बता दें कि पिछले लंबे समय से चंद्रशेखर और विवादों का चोली दामन का साथ रहा है. कुछ वक्त पहले चंद्रशेखर रामचरितमानस पर विवादित बयान देकर सुर्खियों में आए थे. चंद्रशेखर के उस बयान की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी कड़ी निंदा की थी और उस दौरान भी जनता दल यूनाइटेड और आरजेडी के नेताओं के बीच में तीखी बयानबाजी देखने को मिली थी.

विपक्षी एकता की दूसरी बैठक से पहले बढ़ी तनातनी

दिलचस्प है कि 17-18 जुलाई को बेंगलुरु में विपक्षी दलों की दूसरे राउंड की बैठक होनी है और उससे पहले बिहार में मंत्री बनाम आईएएस अधिकारी की तकरार को लेकर जनता दल यूनाइटेड और आरजेडी के बीच में तनातनी देखी जा रही है. इससे पहले 23 जून को विपक्षी दलों की पटना में हुई पहले राउंड की बैठक से कुछ दिन पहले बिहार महागठबंधन को पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने बड़ा झटका दिया था, जब उनके मंत्री  बेटे संतोष मांझी ने नीतीश मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था और उनकी पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा महागठबंधन से अलग हो गई थी. जीतन राम मांझी और संतोष मांझी ने आरोप लगाया था कि नीतीश कुमार उन पर हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा का विलय जनता दल यूनाइटेड के साथ करने के लिए दबाव बना रहे थे, जिसके विरोध में उन्होंने महागठबंधन से अलग होने का फैसला लिया.

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