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जनता दल यू ने महागठबंधन के साथी कांग्रेस पर साधा निशाना

राष्ट्रपति चुनाव को लेकर महागठबंधन में शामिल पार्टियों के बीच चल रही तनातनी अब सतह पर देखने को मिल रही हैं. पहले जहां यह तनातनी जनता दल यू और आरजेडी के बीच चल रही थी तो वहीं जनता दल यू ने अब कांग्रेस को निशाने पर लिया है. इसके पीछे की मुख्य वजह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद का बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार पर की गई टिप्पणी है.

जद (यू) जद (यू)
सुजीत झा
  • नई दिल्ली,
  • 28 जून 2017,
  • अपडेटेड 10:02 AM IST

राष्ट्रपति चुनाव को लेकर महागठबंधन में शामिल पार्टियों के बीच चल रही तनातनी अब सतह पर देखने को मिल रही हैं. पहले जहां यह तनातनी जनता दल यू और आरजेडी के बीच चल रही थी तो वहीं जनता दल यू ने अब कांग्रेस को निशाने पर लिया है. इसके पीछे की मुख्य वजह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद का बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार पर की गई टिप्पणी है.

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जद (यू) के निशाने पर है कांग्रेस
जनता दल यू के नेता अब कांग्रेस पर निशाना साध रहे हैं. गौरतलब है कि गुलाम नबी आजाद ने न सिर्फ नीतीश कुमार की विचारधारा पर उंगली उठाई बल्कि बिहार की बेटी और कांग्रेस की उम्मीदवार मीरा कुमार की हार का ठीकरा भी नीतीश कुमार पर ही फोड़ना चाहा. इस पर जनता दल यू के महासचिव श्याम रजक ने कहा कि वे यूपीए का हिस्सा नहीं है और उनका गठबंधन सिर्फ बिहार में है. राष्ट्रपति का चुनाव राष्ट्रीय स्तर पर होता है. श्याम रजक ने कहा कि उनकी पार्टी ने सोच समझ कर ही रामनाथ कोविंद का समर्थन किया है.

कांग्रेसी नेता गुलाम नबी आजाद पर हमला करते हुए श्याम रजक ने कहा कि उन्हें अपने गिरेबान में झांकना चाहिए कि नेहरू और राजीव गांधी के सिद्धांत क्या थे. वे यदि उनके सिद्धान्तों का अध्ययन करेंगे तो उनके सवालों का जवाब स्वतः मिल जायेगा. वे उस दौर की याद दिलाते हैं जब एनडीए में रहते हुए भी प्रणव दा का समर्थन किया था. वे उम्मीदवारों के आधार पर राष्ट्रपति चयन की बात कहते हैं. चेन्नई में नेताओं ने भी कई सुझाव दिए थे और उन सुझावों पर चर्चा नहीं हुई. राम नाथ कोविंद के बारे में वे कहते हैं कि बिहार के सन्दर्भ उनसे अच्छा कोई नाम नहीं लगा. दलितों और राज्य के हित में वे राम नाथ कोविंद का समर्थन कर रहे हैं. वे बहुत ही सही निर्णय की बात कहते हैं और किसी भी तरह के मतभेद से इंकार करते हैं.

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श्याम रजक ने कहा कि हार का ठीकरा कांग्रेस पर फूटना चाहिए. उन्होंने बिहार की बेटी मीरा कुमार के तौर पर एक दलित महिला को अपमानित करने के लिए खडा किया है. उन्हें तो सोच समझकर पहले निर्णय लेना चाहिए था. उनके पास वोट ही नहीं है. न ही वे किसी को मैदान में उतार रहे हैं. ऐसें में वे अपमानित किए जाने का जिक्र करते हैं. वे पहले का हवाला देते हैं कि पहले भी कई बार ऐसे मौके आए जब दलित और बिहार की बेटी को खड़ा करना चाहिए था. उस दौरान तो बिहार की बेटी को याद नहीं किया गया. उस वक्त तो दूसरे लोगों को याद किया गया.

बीजेपी के साथ फिर से समर्थन के मुद्दे पर श्याम रजक ने दो टूक कहा कि वे तो बीजेपी के साथ 17 साल से साथ रहे हैं. नीतिगत मतभेद पर वे अलग हो गए. वे आज भी किसानों के सवाल पर बीजेपी के खिलाफ रहने की बात कहते हैं. वे कहते हैं कि बीजेपी की आर्थिक नीति भी उनके खिलाफ है. आज कांग्रेस को किसानों के सवाल पर आर्थिक नीति के सवाल पर आंदोलन खड़ा करने के लिए महागठबंधन बनाना चाहिए था. वे सवाल गायब हो गए. वे राष्ट्रपति चुनाव को हारी हुई बाजी करार देते हैं. वे कहते हैं कि इस चुनाव को प्राथमिकता देना कांग्रेस के दिवालियापन का द्योतक है.

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