
असम में एनआरसी की अंतिम सूची से करीब 19 लाख लोगों के बाहर होने को लेकर बीजेपी की सहयोगी पार्टी जेडीयू ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है. JDU के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने NRC के खिलाफ ट्वीट किया है. वहीं भारतीय जनता पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि हम उन्हें परेशान नहीं करेंगे और अच्छे से छोड़कर आएंगे.
उन्होंने कहा कि एनआरसी ने लाखों लोगों को अपने ही देश में विदेशी बना दिया है. राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित जटिल मुद्दों के समाधान को लेकर रणनीति के अभाव और प्रणालीगत चुनौतियों पर ध्यान दिए बिना जब राजनीतिक बयानबाजी और ऐसे फैसले किए जाते हैं तो लोगों को ऐसी कीमत चुकानी पड़ती है.
एनआरसी की फाइनल लिस्ट आने पर दिल्ली के बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि हम घुसपैठियों को नुकसान नहीं पंहुचाएंगे और उन्हें ट्रेन में बिठाकर सुरक्षित वापस भेजेंगे.
उन्होंने कहा कि बाहर से कुछ लोग आते है किसी मोहल्ले में बस जाते हैं और किसी दिन बम विस्फोट कर देते हैं. ऐसे लोग हमारे देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा हैं. असम में 19 लाख ऐसे लोग हैं जो अपना मूल प्रमाण पत्र नहीं दे पा रहे हैं.
मनोज तिवारी ने एनआरसी को जरूरी बताते हुए कहा कि कई जगह बच्चों के चोरी होने की सूचना आ रही है और हमारे देश के संसाधनों पर पहला हक हमारे देश के लोगों का है. जो लोग छुप कर आए हैं अपने अपराधों से हमारे देश के मुसलमानों को भी बदनाम कर रहे हैं. घुसपैठ करके हमारे देश आने वाले लोगों को नुकसान पहुंचाने के बजाए उन्हें किसी अच्छी ट्रेन में बैठा कर उनके देश वापस भेज देंगे.
ममता बनर्जी ने भी किया विरोध
एनआरसी के मुद्दे पर भारत सरकार के फैसले का पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी विरोध कर चुकी है. ममता बनर्जी ने कहा था कि एनआरसी की सूची से बाहर रखे जाने वालों में पूर्व राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद के परिवार के सदस्यों भी शामिल हैं.
ममता ने कहा कि सरकार को यह ध्यान रखना चाहिए कि असली भारतीयों को इससे बाहर नहीं किया जाना चाहिए. हमारे सभी वास्तविक भारतीय भाइयों और बहनों के साथ न्याय होना चाहिए.