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जीतन राम मांझी को हुआ है क्या? पहले ब्राह्मणों पर की अभद्र टिप्पणी, अब अपने समाज को कहा '#$%*...'

मांझी के इस अभद्र भाषा से विवाद बढ़ा तो फिर उन्होंने तुरंत इसके लिए माफी भी मांग ली, लेकिन माफी मांगते हुए उन्होंने नया विवाद खड़ा कर दिया और कहा कि जो कुछ उन्होंने कहा वो ब्राह्मणों के लिए नहीं किया था, बल्कि अपने समाज के लोग यानी कि दलितों के लिए था.

हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी (फाइल फोटो) हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी (फाइल फोटो)
रोहित कुमार सिंह
  • पटना ,
  • 19 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 10:36 PM IST
  • माफी मांगते हुए उन्होंने नया विवाद खड़ा कर दिया
  • देवी-देवताओं के लिए भी अभद्र भाषा का इस्तेमाल

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी का एक वीडियो रविवार को वायरल हुआ, जहां पर वो ब्राह्मणों पर आपत्तिजनक टिप्पणी करते नजर आ रहे थे. साथ ही मांझी ने देवी-देवताओं के लिए भी अभद्र भाषा का प्रयोग किया.

मांझी के इस अभद्र भाषा से विवाद बढ़ा तो फिर उन्होंने तुरंत इसके लिए माफी भी मांग ली, लेकिन माफी मांगते हुए उन्होंने नया विवाद खड़ा कर दिया. उन्होंने कहा कि जो कुछ उन्होंने कहा वो ब्राह्मणों के लिए नहीं किया था, बल्कि अपने समाज के लोग यानी कि दलितों के लिए था.

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जीतन राम मांझी ने अपनी सफाई में कहा, 'मैंने ब्राह्मणों के लिए कोई अपशब्द नहीं कहा है. ब्राह्मणों की आस्था को ठेस पहुंची है तो मैं उसके लिए माफी मांगता हूं लेकिन हमने अपने समाज के लिए कहा है कि जो हमारा समाज है वह गलत है. हमारा समाज मां शबरी और तुलसी जैसे देवी देवताओं की पूजा नहीं कर रहे हैं... पहले करते थे.. लेकिन यह #@&* लोग अब सत्यनारायण भगवान की पूजा करते हैं... इन्हें शर्म नहीं आती है.. #$%* शब्द हमने अपने समाज के लिए कहा है.' 

जीतन राम मांझी यहीं नहीं रुके. दलित समाज के लोग जो ब्राह्मणों से पूजा करवाते हैं उनको लेकर उनका पारा इतना चढ़ा हुआ था कि उन्होंने आगे अपने ही समाज के लोगों को "#$%*" भी कहा. 

मांझी ने कहा, 'हम ब्राह्मण को नहीं मानते हैं मगर उनको गाली नहीं देते हैं. मैंने अपने समाज को कहा कि मेरा समाज "#$%*" है जो अपने कुल देवता की पूजा नहीं करके दूसरों से पूजा करवाता है और ऐसे लोगों से पूजा करवाता है जो उनके यहां खाना पीना पसंद भी नहीं करते हैं.'

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