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राम, ब्राह्मण, सवर्ण, शराब और हनीमून... जीतन राम मांझी के मुंह से जब निकले बवाली बोल

इसी साल जनवरी में जीतन राम मांझी ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव और लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान पर निशाना साधा था. जीतन राम मांझी ने कहा था कि ये जब भी देश या बिहार में किसी प्रकार का संकट आता है तो ये तीनों नेता हनीमून मनाने के लिए चले जाते हैं.

बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी (फोटो- पीटीआई) बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी (फोटो- पीटीआई)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 20 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 3:06 PM IST
  • बयानों से हलचल मचा चुके हैं मांझी
  • राम, सवर्ण, ब्राह्माण पर निशाना
  • 'प्रकृति की पूजा करता हूं, राम की नहीं'

बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी राजनीतिक गतिविधियों से ज्यादा अपने बयानों के लिए चर्चा में रहते हैं. जीतन राम मांझी ऐसे कार्यक्रमों में मुखर होकर बोलते हैं, इस दौरान कई बार वह सीमाएं लांघ जाते हैं. 2014 में जीतन राम मांझी ने ये कहकर हलचल मचा दी थी कि बिहार के बेरोजगार युवा जब रोजगार के लिए घर से बाहर जाते हैं तो उनकी पत्नियां घर में क्या करती हैं, ये सोचने वाली बात है. 

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जीतन राम मांझी के ज्यादातर विवादित बयान उनके सीएम बनने के बाद आए हैं. जीतन राम मांझी 20 मई 2014 से लेकर 20 फरवरी 2015 तक बिहार के सीएम रहे थे. हम आपको बताते हैं जीतन राम मांझी के कुछ विवादित बयान. 

'थोड़ी-थोड़ी पिया करो'

शराब पर जीतन राम मांझी खरी-खरी राय रखते हैं. जीतन राम मांझी कई बार कह चुके हैं कि शराब पीना बुरा नहीं है. जीतन राम मांझी ने 2014 में ही कहा था कि महादलितों को थोड़ी थोड़ी शराब पीनी चाहिए. जीतन राम मांझी ने कहा था कि शराब थोड़ा पीने में हर्ज नहीं है. दिन में नहीं रात में थोड़ी थोड़ी पिया करें. इस बयान को उन्होंने एक बार फिर दोहराया. जीतन राम मांझी ने कहा कि बिहार में IAS-IPS भी शराब पीते हैं, अगर आपको भी रात को शराब पीना है तो 10 बजे रात के बाद पिया करें. 

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'ब्राह्माणों-पंडितों के लिए अपशब्द'

18 दिसंबर 2021 को पंडितों-मुसहरों के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए जीतन राम मांझी ने पंडितों के लिए अपशब्द का प्रयोग किया था. मांझी ने कहा था कि अब दलित समाज पूजा पाठ ज्यादा करने लगा है. पहले ये समाज प्रकृति पूजा करता था, लेकिन अब सत्यनारायण कथा करवाने लगा है. मांझी ने कहा कि “आजकल गरीब तबके के लोगों में धर्म की परायणता ज्यादा आ रही है. सत्यनारायण भगवान की पूजा का नाम हम लोग नहीं जानते थे. **** अब हर टोला में हम लोगों के यहां सत्यनारायण भगवान पूजा होती है. इतना भी शर्म लाज नहीं लगता है कि पंडित **** आते हैं और कहते हैं कि कुछ नहीं खाएंगे आपके यहां...बस कुछ नगद दे दीजिए.'' 

'ब्राह्माणों का सम्मान है, अपने समाज को कहा ****'

ब्रह्माणों पर जीतन राम मांझी के बयान से बिहार की राजनीति में उबाल आ गई. कई पार्टियों ने उनसे तुरंत माफी की मांग की. दबाव में झुकते हुए जीतन राम मांझी ने कहा कि लेकिन माफी मांगते हुए उन्होंने नया विवाद खड़ा कर दिया. 

जीतन राम मांझी ने अपनी सफाई में कहा, 'मैंने ब्राह्मणों के लिए कोई अपशब्द नहीं कहा है. ब्राह्मणों की आस्था को ठेस पहुंची है तो मैं उसके लिए माफी मांगता हूं. हमारा समाज मां शबरी और तुलसी जैसे देवी देवताओं की पूजा नहीं कर रहे हैं. पहले करते थे. लेकिन यह *** लोग अब सत्यनारायण भगवान की पूजा करते हैं... इन्हें शर्म नहीं आती है. *** शब्द हमने अपने समाज के लिए कहा है.

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'राम को भगवान नहीं मानता'

जीतन राम मांझी भगवान राम को लेकर भी विवादित बयान दे चुके हैं. जीतन राम मांझी ने कहा है कि वे भगवान राम को नहीं मानते हैं, बल्कि वे काल्पनिक पुरुष हैं, उन्होंने कहा कि रामायण में अच्छी बातें हैं, लेकिन वे राम को भगवान नहीं मानते हैं. इसके अलावा जीतन राम मांझी यह भी कह है चुके हैं कि वे मूर्तियों की पूजा नहीं करते हैं बल्कि वे प्रकृति की पूजा करते हैं. माता शबरी की पूजा करते हैं.

'युवक नौकरी करने जाते हैं तो पत्नियां क्या करती हैं...'

साल 2014 में जीतन राम मांझी की एक बयान के लिए काफी आलोचना हुई थी. तब उन्होंने कहा था कि, "बिहार से लोग आजीविका कमाने के लिए असम, महाराष्ट्र और गुजरात जाते हैं... मेरे शब्दों को अन्यथा न लें, लेकिन यह सच है. एक युवक अपनी पत्नी को छोड़कर पैसा कमाने के लिए दूसरी जगह चला जाता है. आप एक साल बाद लौटते हैं. आपकी पत्नी घर पर क्या कर रही है, आप उसकी हरकतों से पूरी तरह अनजान हैं. यह बात नीतीश जी और मांझी को समझ आ गई और हम आपको इसके बारे में बता रहे हैं." जीतन राम मांझी ने ये बयान गोपालगंज में दिया था. 

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'हनीमून के लिए चले जाते हैं राहुल, तेजस्वी, चिराग'

इसी साल जनवरी में जीतन राम मांझी ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव और लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान पर निशाना साधा था. जीतन राम मांझी ने कहा था कि ये जब भी देश या बिहार में किसी प्रकार का संकट आता है तो ये तीनों नेता हनीमून मनाने के लिए चले जाते हैं. जीतन राम मांझी ने प्रतिक्रिया तब दी थी जब लोकसभा चुनाव और बिहार विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव कई दिनों तक पटना में नजर नहीं आए थे. इस दौरान जीतन राम मांझी ने कहा था कि बिहार में जब भी कोई गंभीर समस्या आती है चाहे वह बाढ़ हो, चमकी बुखार हो या फिर किसान आंदोलन का मुद्दा हो, तेजस्वी हमेशा ऐसे मौकों पर बिहार से गायब रहते हैं. 

'सवर्णों को बताया था विदेशी'

जीतन राम मांझी सवर्ण जातियों को विदेशी मूल का भी बता चुके हैं. आर्य के आगमन पर चर्चा के दौरान जीतन राम मांझी ने कहा था कि उच्च जाति के लोग विदेशी हैं और आर्य जाति के वंशज हैं...वे विदेशों से यहां आए हैं." जीतन राम मांझी ने कहा था कि केवल आदिवासी और दलित ही स्वदेशी लोग हैं. बिहार की सवर्ण जातियों के नेताओं ने जीतन राम मांझी की इस टिप्पणी की कड़ी आलोचना की थी. 

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