
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के साथ-साथ मंत्रियों पर भी शराब पीने का बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि अगर इन आईएएस, आईपीएस और मंत्रियों की ब्रीथ एनेलाइजर से जांच की जाए तो सब पकड़े जाएंगे. उन्होंने कहा कि सरकार में इतनी हिम्मत नहीं है. वो ब्रीथ एनेलाइजर केवल गरीबों को लगाती है.
मांझी ने मांग की है कि इसकी जांच होनी चाहिए. केवल गरीबों को ही जेल क्यों भेजा जा रहा है. उन्होंने नीतीश कुमार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वो दूसरे भगवान बुद्ध बनना चाहते हैं. बिहार में शराबबंदी है, लेकिन तस्करी लगातार जारी है. यही वजह है कि पीने वालों को शराब मिलने में दिक्कत नहीं है.
जीतनराम मांझी पटना के गांधी मैदान में 8 अप्रैल को अपनी 34 मांगों को लेकर गरीबों का महा-सम्मलेन करने जा रहे हैं. जीतनराम मांझी ने बिहार के मुख्यमंत्री रहते ये 34 फैसले लिए थे, लेकिन उसे लागू नहीं किया गया था. वहीं जीतनराम मांझी के इस सम्मेलन में महागठबंधन के नेता तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव और राबड़ी देवी को भी आमंत्रित किया गया. इस सम्मलेन में कांग्रेस शामिल नहीं होगी. कांग्रेस ने व्यस्तता की वजह से आने में असमर्थता जताई है. जीतन राम मांझी ने कहा कि इस सम्मलेन में हम फैसला लेंगे कि सरकार से कैसे अपनी 34 मांगों को मनवाया जाए, मांझी के 34 फैसलों में आरक्षण, युवाओं को बेरोजागरी भत्ता योजना, न्यालय में आरक्षण जैसे मुद्दे हैं.