
बताया जाता है कि कन्हैया कुमार 4 फरवरी को दरभंगा में थे. इस दौरान कन्हैया ने ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी (एलएनएमयू) में एक जनसभा को संबोधित किया था. कुमार की जनसभा के बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्रों ने उस मंच को गंगाजल से धोया. एबीवीपी के छात्रों का कहना है कि जिस मंच से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और कई अन्य दिग्गजों ने सभा को संबोधित किया, उस मंच पर राजद्रोह के आरोपी की सभा के कारण यह अशुद्ध हो गया था. इसका शुद्धिकरण जरूरी था.
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एलएनएमयू के छात्र संघ अध्यक्ष आलोक झा ने इस संबंध में कहा कि राजद्रोही के आने से यह पावन मंच अपवित्र हो गया था, जिसे आज मंत्रोच्चार के साथ गंगाजल से धोकर शुद्ध किया गया. उन्होंने कहा कि इस पावन मंच से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और कई महान नेताओं ने जनसभाओं को संबोधित किया. इस मंच का शुद्धिकरण जरूरी था. झा ने साथ ही यह भी कहा कि कन्हैया कुमार की सभा जहां-जहां होगी, उन सभी कार्यक्रम स्थलों को विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता शुद्ध करेंगे.
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कन्हैया कुमार की आलोचना करते हुए एलएनएमयू के छात्र संघ अध्यक्ष ने कहा कि जो अपने बीमार पिता की देखभाल नहीं कर सकता वह दूसरे लोगों का क्या भला करेगा. इससे पहले एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने मंच पर पहले झाड़ू लगाया, फिर उसे मंत्रोच्चारण के बीच गंगाजल से धोया और फूल भी छिड़के. इस दौरान छात्र वंदे मातरम् के नारे भी लगा रहे थे.
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बता दें कि कन्हैया कुमार ने गांधीजी के आश्रम भितिहरवा से 30 जनवरी यानी उनकी शहादत के दिन जन गण मन यात्रा की शुरुआत की थी. इस यात्रा के दौरान वह जगह-जगह सभाएं कर रहे हैं और लोगों को 29 फरवरी को गांधी मैदान में सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ होने वाली रैली में आने का निमंत्रण भी दे रहे हैं. हालांकि कन्हैया कुमार की ये यात्रा कई स्थानों पर विवादों में रही. बेतिया में कार्यक्रम स्थल को लेकर विवाद हुआ, तो सुपौल में उनके काफिले पर हमला हुआ. इस हमले में उनका ड्राइवर घायल हो गया. कटिहार में लोगों ने कन्हैया के काफिले पर जूते-चप्पल और पत्थर फेंके.