
बिहार के कटिहार में राजेंद्र पार्क डुमरिया में श्रद्धालुओं के पूजा करने की आश्चर्यजनक तस्वीरें सामने आई हैं. यहां पूजा और मनोकामना के लिए भक्त नंगे पांव अंगारों पर चलते हैं. चार दिवसीय चलने वाली इस पूजा को झील पूजा कहा जाता है. हजारों की संख्या में आसपास और दूरदराज के क्षेत्रों से लोग यहां पहुंचते हैं.
ऐसी मान्यता है कि मनोकामना पूरी होने पर लोग इस पूजा को करवाते हैं. लोग सच्चे मन से नंगे पांव जलते अंगारों पर चलते हुए झील पूजा करते हैं. झील पूजा में हिस्सा लेने वाले लोग बांस (Bamboo) से बने झील(झुंड) के ऊपर चढ़कर आग पर चलने के बाद सभी श्रद्धालुओं को फेंककर आंचल में प्रसाद देते हैं. प्रसाद ग्रहण कर श्रद्धालु अपनी मनोकामना को पूर्ण करते हैं.
ये भी मान्यता है कि श्रद्धालु नंगे पांव इस आग पर पर चलते हैं, लेकिन जलते नहीं. एक श्रद्धालु की माने तो झील पूजा आदिकाल से चली आ रही है. परंपरा रही है कि श्रद्धालु नंगे पांव आग पर चलते हैं. ऐसा कहा जाता है कि अयोध्या के राजा दशरथ ने झील पूजा की शुरुआत की थी.
श्रद्धालु की माने तो जो सच्चे मन से झील पूजा करते हैं और आग पर चलते हैं वो जलते नहीं हैं. उनकी मनोकामना भी पूरी होती है. इस तरह से इस चार दिनों तक चलने वाली इस पूजा का आयोजन किया जाता है.