
जनता दल यूनाइटेड (JDU) नेता उपेंद्र कुशवाहा और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर चल रही तनातनी के बीच बयानबाजी का दौर जारी है. एक तरफ जहां पार्टी छोड़ने की अटकलों को नकारते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार को अपना बड़ा भाई करार दिया है. वहीं, अब JDU में चल रहे इस पॉलिटिकल ड्रामे पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह का बयान भी सामने आ गया है. ललन सिंह ने कहा है कि कोई किसी को साइड नहीं करता है. जिसको मन होता है, वो ऐसा करता है. उन्होंने आरसीपी सिंह का जिक्र करते हुए कहा कि वो (आरसीपी सिंह) जेडीयू में रहते हुए BJP के करीब हो गए थे.
बता दें कि उपेंद्र कुशवाहा ने हाल ही में कहा था कि राजनीतिक रूप से जब-जब नीतीश कुमार कमजोर हुए हैं, हमने उनको सहयोग करने का काम किया. उन्होंने यह भी कहा था कि आज कुछ लोग उपेंद्र कुशवाहा को गाली दे रहे हैं, लेकिन इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता. उन्होंने राजद पर निशाना साधते हुए कहा था कि कुछ लोग नीतीश कुमार को कमजोर करने की साजिश रच रहे हैं.
उपेंद्र कुशवाहा के हमले पर नीतीश कुमार खुलकर हमलावर हो गए थे. उन्होंने कुशवाहा के आरोपों का खंडन करते हुए कहा था कि हमारी पार्टी कमजोर नहीं हुई है. ये झूठे आरोप हैं. लोगों को जो कहना है, कहने दो. हमारी पार्टी का कोई भी व्यक्ति किसी अन्य पार्टी के संपर्क में नहीं है. उन्होंने कहा था- मैंने किसी को नहीं रोका. नेता अपनी इच्छा से आ और जा सकते हैं.
नीतीश के इस पलटवार पर उपेंद्र कुशवाहा ने एक बार फिर अपना बयान ट्वीट किया था. उन्होंने कहा था कि वे अपना हिस्सा छोड़कर नहीं जाएंगे. उन्होंने ट्विटर पर लिखा था, 'बड़ा अच्छा कहा भाई साहब आपने...! ऐसे बड़े भाई के कहने से छोटा भाई घर छोड़कर जाने लगे तब तो हर बड़का भाई अपने छोटका को घर से भगाकर बाप-दादा की पूरी संपत्ति अकेले हड़प ले.' इसके आगे उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि ऐसे कैसे चले जाएं अपना हिस्सा छोड़कर....?'
बीजेपी में जाने की थी अटकलें
पिछले हफ्ते जब उपेंद्र कुशवाहा दिल्ली के एम्स में रुटीन चेकअप के लिए भर्ती हुए थे, तब उनसे मुलाकात करने बिहार बीजेपी के तीन नेता पहुंचे थे, जिनमें 2 पूर्व विधायक संजय टाइगर और प्रेम रंजन पटेल शामिल थे. इसी के बाद से अटकलें लगाई जाने लगीं कि उपेंद्र कुशवाहा JDU छोड़ भाजपा में शामिल हो सकते हैं. इस बारे में जब कुशवाहा से पूछा गया था तो उन्होंने कहा कि बीजेपी के किसी नेता के साथ मुलाकात का यह अर्थ निकालना कि हम बीजेपी के संपर्क में है, ये गलत है. संपर्क की बात इस अर्थ में की जा रही है कि बीजेपी के नेताओं से हमारी पार्टी का जो जितना बड़ा नेता है, वह उतना ही ज्यादा संपर्क में है.