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चारा घोटाले मामले में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. दरअसल सीबीआई की विशेष अदालत चारा घोटाले के एक और मामले में फैसला सुना सकती है.
करीब 950 करोड़ के चारा घोटाले में चाईबासा ट्रेजरी से 33.67 करोड़ रुपए की अवैध निकासी के मामले में 24 जनवरी को सीबीआई की विशेष अदालत का फैसला आना संभव है. इस मामले में गवाहों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं.
इस मामले की सुनवाई जज एसएस प्रसाद की अदालत में हो रही है. इस साल चारा घोटाले में आनेवाला यह दूसरा फैसला होगा. इससे पहले, 5 जनवरी को देवघर ट्रेजरी से जुड़े मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने लालू यादव को दोषी करार देते हुए साढ़े तीन साल की सजा सुनाई थी.
क्या है चाईबासा कोषागार का मामला!
चाईबासा कोषागार से 1992-93 में 67 फर्जी आवंटन पत्र के आधार पर 33.67 करोड़ रुपए की अवैध निकासी की गई थी. इसमें साल 1996 में केस दर्ज हुआ था. इस मामले में कुल 76 आरोपी थे, जिनमें बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद और डॉ. जगन्नाथ मिश्रा के नाम भी शामिल हैं. हालांकि सुनवाई के दौरान 14 आरोपियों का निधन हो चुका है.
दो आरोपियों सुशील कुमार झा और प्रमोद कुमार जायसवाल ने अपना जुर्म कबूल लिया, जबकि तीन आरोपियों दीपेश चांडक, आरके दास और शैलेश प्रसाद सिंह को सरकारी गवाह बना दिया गया है.
डे-टू-डे बेसिस पर हो रही है सुनवाई
दरअसल सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई कोर्ट चारा घोटाले की सुनवाई डे-टू-डे बेसिस पर कर रही है. झारखंड में चारा घोटाले में लालू यादव पर पांच मुकदमे दर्ज थे, जिनमें से दो पर सजा का ऐलान हो चुका है. वहीं, 24 जनवरी को एक और मामले पर फैसला आने की उम्मीद है, जबकि बाकि दो मामलों में अभी गवाहियां दर्ज की जा रही हैं. इनमें से डोरंडा कोषागार से जुड़ा मामला भी है जो चारा घोटाले का सबसे बड़ा मामला है. इसमें करीब 139.35 करोड़ रुपए की अवैध निकासी का आरोप है.