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चारा घोटाले में लालू को अबतक की सबसे बड़ी सजा, '14 साल' की कैद

रांची की विशेष सीबीआई अदालत ने उन्हें आईपीसी 120 और पीसी एक्ट के तहत 7 -7 साल की सजा सुनाई है. साथ ही उन पर 30-30 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.

आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव
जावेद अख़्तर/धरमबीर सिन्हा
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  • 24 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 1:25 PM IST

चारा घोटाला के दुमका कोषागार केस में दोषी पाए जाने के बाद आज लालू यादव को सजा सुनाई गई. आरजेडी अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव को इस केस में अब तक की सबसे बड़ी सजा सुनाई गई है. रांची की विशेष सीबीआई अदालत ने उन्हें आईपीसी 120 और पीसी एक्ट के तहत 7-7 साल की सजा सुनाई है. साथ ही उन पर 30-30 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.

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हालांकि दोनों मामले साथ-साथ चलेंगे या अलग-अलग इसे अभी कोर्ट ने तय नहीं किया है. अगर सजाएं अलग-अलग चलीं तो लालू को 14 साल जेल की सजा भुगतनी पड़ेगी. लालू के वकील ने कहा, "हमें अभी फैसले की कॉपी नहीं मिली है."  

बता दें, कि चारा घोटाले के चौथे मामले में विशेष सीबीआई अदालत ने सोमवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद को दोषी करार दिया. इसी मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा को बरी कर दिया गया.

न्यायाधीश शिवपाल सिंह ने दिसंबर 1995 से जनवरी 1996 तक दुमका कोषागार से फर्जी तरीके से 3.13 करोड़ रुपये निकालने के मामले में यह फैसला सुनाया है.

सोमवार को रांची में सीबीआई की विशेष अदालत ने लालू प्रसाद यादव समेत 19 आरोपियों को दोषी करार दिया था. जबकि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा समेत 12 आरोपियों को बरी कर दिया गया था.

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ये है चौथा केस

लालू यादव पहले से ही चारा घोटाला के तीन अन्य मामलों में दोषी ठहराये जाने के बाद से रांची की बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं. चारा घोटाले का ये चौथा केस (दुमका कोषागार केस) 3 करोड़ 13 लाख रुपये के गबन का है. इससे पहले लालू यादव को पहले और दूसरे केस में 5-5 साल की सजा हुई थी, जबकि तीसरे यानी देवघर केस में उन्हें 3.5 साल की सजा सुनाई थी.

आरजेडी का बयान

आरजेडी नेता शिवानंद तिवारी ने न्याय व्यवस्था पर सवाल उठाया. उन्होंने इसे साजिश का मामला बताया. उन्होंने कहा, मान लीजिए लालू जी ही साजिश के तहत दोषी हैं, मगर संविधान कहता है किसी भी व्यक्ति को एक अपराध के लिए बार-बार दंडित नहीं किया जा सकता है. लेकिन यहां अलग ढंग से कानून की व्याख्या हो रही है. ऐसे में न्याय व्यवस्था पर सवाल उठना लाजिमी है. बीजेपी नेता सुशील मोदी ने कहा, उन्हें राजद नेताओं के ऐसे बयान की उम्मीद थी.

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