
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव हमेशा अपने मजाकिया अंदाज को लेकर सुर्खियों में रहते हैं. 75 वर्षीय लालू करीब 7 साल बाद मंगलवार को अपने पैतृक गांव फुलवरिया पहुंचे थे. यहां से वह पत्नी राबड़ी देवी संग सेलार कला गांव स्थित अपनी ससुराल भी पहुंचे.
तकरीबन 10 साल बाद सेलार कला गांव के दामाद लालू प्रसाद और बेटी राबड़ी देवी को देखने के लिए काफी संख्या में लोगों की भीड़ जुट गई. लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी दोनों वाहन में ही बैठे रहे. कुछ ही मिनट में राबड़ी देवी के मायके से महिला सदस्य कार के पास पहुंची और राबड़ी देवी को बुलाकर अपने साथ घर के अंदर लेकर चली गई.
राबड़ी देवी के साथ उनके बड़े बेटे तेज प्रताप यादव भी अपने ननिहाल चल दिए. लेकिन लालू प्रसाद यादव रूठ गए और गाड़ी में ही तबतक बैठे रहे, जब तक उनका कोई साला उन्हें रिसीव करने नहीं पहुंचा. गांव के दामाद के रूठने की खबर मिलते ही राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के चचेरे साला और राबड़ी देवी के चचेरे भाई रामाकांत यादव पहुंच गए और फिर क्या लालू प्रसाद यादव के सामने दोनों हाथ जोड़कर मानने लगे.
फिर दामाद लालू प्रसाद भी मान गए और ससुराल के घर में जाने के लिए गाड़ी से उतर गए. हालांकि, यहां लालू प्रसाद यादव के अपने खास साले प्रभुनाथ यादव, साधु यादव और सुभाष यादव तीनों भाई उस समय सेलार कलां में मौजूद नहीं थे.देखें Video:-
तकरीबन 45 मिनट तक लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी सेलार कला में घर के अंदर समय बिताया. ससुराल के लोगों से लालू प्रसाद यादव ने बातचीत की. फिर एक-एक लोगों से मिलने के बाद सेलार कला में राबड़ी देवी के नाम पर बने प्लस- टू विद्यालय में निरीक्षण करने के लिए निकले गए.
लालू प्रसाद यादव का यह मजाकिया अंदाज अब एक चर्चा का विषय बन गया है, जिसने गांव की परंपरा को सबको ताजातरीन कर दिया है.