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'लड़ा हूं, लड़ता रहूंगा...वो हरा नहीं सकते इसलिए साजिशों में फंसाते हैं', चारा घोटाले में सजा मिलने पर बोले लालू

लालू यादव को चारा घोटाला मामले में पहली बार साल 2007 में सीबीआई की विशेष अदालत (रांची) ने चाईबासा कोषागार से 48 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में दोषी ठहराया और उन्हें ढाई साल से 6 साल तक जेल की सजा सुनाई थी

लालू यादव को चारा घोटाले के मामले में सजा लालू यादव को चारा घोटाले के मामले में सजा
aajtak.in
  • पटना,
  • 21 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 4:14 PM IST
  • चारा घोटाले में सजा पर लालू यादव ने दी प्रतिक्रिया
  • लालू ने कविता के जरिए सरकार पर साधा निशाना

चारा घोटाला के पांचवें मामले में लालू यादव को आज सीबीआई की विशेष अदालत ने 5 साल की जेल और 60 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. इस पर अब लालू यादव ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि 'साथ है जिसके जनता उसके हौसले क्या तोड़ेगी सलाखें!'

दरअसल कोर्ट द्वारा सजा के ऐलान के बाद लालू यादव ने अपने आधिकारिक फेसबुक पेज पर इसको लेकर प्रतिक्रिया दी है. लालू यादव ने कविता के अंदाज में बताया है कि वो जेल जाने से नहीं डरते हैं क्योंकि उनके साथ जनता है.

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लालू यादव ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा, 

अन्याय असमानता से
तानाशाही जुल्मी सत्ता से
लड़ा हूं लड़ता रहूंगा
डाल कर आखों में आंखें
सच जिसकी ताकत है
साथ है जिसके जनता
उसके हौसले क्या तोड़ेगी सलाखें.

मैं उनसे लड़ता हूँ जो लोगों को आपस में लड़ाते है
वो हरा नहीं सकते इसलिए साजिशों से फँसाते है
ना डरा ना झुका, सदा लड़ा हूँ और लड़ता ही रहूँगा
लड़ाकों का संघर्ष कायरों को ना समझ आया है ना आएगा.

कविता के बाद लालू यदाव ने लिखा है कि, 'मैं उनसे लड़ता हूं जो लोगों को लड़ाते हैं'. लालू यादव ने ये लाइन बिहार की सत्ताधारी पार्टी के लिए लिखी है.

बता दें कि बिहार में चारा घोटाला का मामला 1997 में उस वक्त सामने आया था जब चाईबासा के तत्कालीन उपायुक्त रहे अमित खरे ने पशुपालन विभाग के दफ्तरों में छापेमारी की थी और सभी दस्तावेजों को जप्त कर लिया था. उसमें आपूर्ति के नाम पर अवैध निकासी के सबूत मिले थे. उस वक्त झारखंड बिहार का ही हिस्सा हुआ करता था.

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