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चारा घोटाला मामले में आत्मसमर्पण से पहले लालू बोले- तानाशाही की तरफ बढ़ रहा देश

झारखंड हाई कोर्ट ने 24 अगस्त को लालू प्रसाद यादव को विशेष सीबीआई अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण करने के लिए 30 अगस्त तक की मोहलत दी थी.

आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव

चारा घोटाला मामले में अभियुक्त राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव सीबीआई की विशेष अदालत के सामने आत्मसमर्पण करने के लिए रांची पहुंच गए हैं. वहीं पटना से रवाना होने से पहले आरजेडी सुप्रीमो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि देश तानाशाह शासन की ओर बढ़ रहा है.

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पटना एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत में लालू ने बिहार में कानून व्यवस्था ठीक नहीं होने का आरोप लगाते हुए कहा कि यहां पूरी तरह से अराजकता का माहौल है. उन्होंने कहा कि जब रोम जल रहा था, नीरो बंसी बजा रहा था, वही हालत नीतीश की है. लालू ने आरोप लगाया कि कोई ऐसा दिन नहीं है कि खून, हत्या और बलात्कार की वारदात नहीं घट रही है.

इससे पहले भीड़ ने लालू प्रसाद के हवाई अड्डे से बाहर आते ही उनके समर्थन में जबरदस्त नारेबाजी शुरू कर दी. लालू ने भी अपने अंदाज में लोगों का अभिवादन स्वीकार किया. दर्जनभर से ज्यादा बीमारियों से जूझ रहे लालू स्वास्थ्य के दृश्टिकोण से कमजोर नजर आए. कोर्ट के निर्देशों का अनुपालन करते हुए उन्होंने किसी से बात नहीं की और रेस्ट हाउस चले गए.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमले की साजिश में कथित तौर पर माओवादियों से संबंध रखने वाले वामपंथी विचारकों की गिरफ्तारी के बारे में लालू ने आरोप लगाया कि यह सब देश में आपातकाल लगाए जाने की एक चाल है. देश तानाशाही शासन की ओर अग्रसर है.

रांची हाईकोर्ट से इलाज के लिए मिली अस्थायी जमानत की अवधि नहीं बढ़ाए जाने के कारण लालू यादव, 30 अगस्त को अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण करने के लिए रांची रवाना हुए. उन्होंने कहा कि उनका हृदय, गुर्दा आदि प्रभावित है. लालू ने कहा कि उन्हें अस्पताल में आराम करने का शौक नहीं है. उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है. आज नहीं तो कल न्याय मिलना है.

वहीं, आईआरटीसी होटल के बदले भूखंड मामले में दिल्ली रवाना होने से पहले राबड़ी देवी और उनके पुत्र तेजस्वी प्रसाद यादव मीडिया के प्रश्नों का उत्तर देने से बचते दिखे. तेजस्वी ने वस इतना ही कहा कि जो न्यायिक प्रक्रिया है उसे तो पूरा करना ही होगा.

दूसरी ओर, रांची के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स ने भी लालू की चिकित्सा-संबंधी किसी भी इमरजेंसी से निपटने के लिए अपनी कमर कस ली है. दरअसल औपबंधिक जमानत पर रिहा होने के पहले लालू यहीं भर्ती थे. हालांकि मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक लालू जिन गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं. उन बीमारियों के इलाज के विशेषज्ञ चिकित्सक रिम्स में नहीं हैं. ऐसे में लालू को अचानक चिकित्सीय सहायता की जरुरत पड़ने की सूरत में उनकी जान को खतरा हो सकता है.

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लालू को चारा घोटाले के अलग-अलग मामलों में 27साल की सजा मिली है. वहीं डोरंडा कोषागार के एक मामले में सुनवाई अभी हो रही है. कल सरेंडर करने के बाद लालू इस मामले में भी सीबीआई कोर्ट में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे. सरेंडर के बाद लालू को बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार ले जाया जाएगा.

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