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लालू के रहते राजद में हो गया सियासी बंटवारा? तेज प्रताप के उठाए कदम क्या इशारा कर रहे हैं ?

तेज प्रताप अपनी कार्यशैली से हमेशा चर्चा में बने रहते हैं. ताजा मामला उन के संगठन जन शक्ति परिषद को लेकर है. तेज प्रताप इस संगठन को बढ़ावा देने के लिए मैदान में उतर गए हैं. 

लालू यादव, तेज प्रताप लालू यादव, तेज प्रताप
सुजीत झा
  • पटना,
  • 09 जून 2022,
  • अपडेटेड 6:29 PM IST
  • तेज प्रताप अपनी बैठकें खुद ले रहे
  • दोनों संगठनों में टकराव

बिहार की बड़ी सियासी पार्टी में शुमार राजद के अंदर सबकुछ ठीक है कि नहीं, ये शायद लालू यादव को भी पता नहीं है. वरना, राजद के सामांनतर सियासी संगठन खड़ा करने की कोशिश तेज प्रताप नहीं करते. तेज प्रताप अपनी कार्यशैली से हमेशा चर्चा में बने रहते हैं. कई बार परिवार को असहज स्थिति का सामना भी कराया है. अब ताजा मामला उन के संगठन जन शक्ति परिषद को लेकर सामने आया है. तेज प्रताप इस संगठन को बढ़ावा देने के लिए मैदान में उतर गए हैं. राजनीतिक मामलों के जानकार मानते हैं कि तेज प्रताप राजद की कब्र खोदने में लगे हैं. और पहला फावड़ा जन शक्ति परिषद के माध्यम से चलाने में जुटे हुए हैं. तेज प्रताप ने अपने संगठन विस्तार से जुड़ी जानकारी सोशल मीडिया पर शेयर करके लिखा है कि जनशक्ति परिषद का सदस्य बनने के लिए इस फार्म को भरें. और उसे मिशन एक करोड़ नाम दिया है.

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तेज प्रताप अपनी बैठकें खुद ले रहे
राजद की बात करें, तो उसके सदस्य 86 लाख से ज्यादा हैं. वहीं दूसरी ओर जनशक्ति परिषद के 30 हजार सदस्ये हैं. सवाल ये भी है कि दोनों संगठनों का लक्ष्य एक ही बताया जा रहा है. लेकिन तेज प्रताप अपनी बैठकें खुद ले रहे हैं. बिहार की राजनीति को समझने वाले वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद दत्त कहते हैं- इसे आप तेज प्रताप के संगठन में तहजीह नहीं मिलने के तौर पर देखिए. हाल के बैठक में लालू ने तेजस्वी को तरजीह दी. तेज प्रताप का सियासी इगो ठंडा करने के लिए भले उनको अपने बगल में बिठाया, लेकिन तरजीह तेजस्वी को दी. तेज प्रताप ये बात बखूबी समझते हैं और जनशक्ति के जरिए अपनी शक्ति राजद को दिखा रहे हैं.

दोनों संगठनों में टकराव
परिषद की ओर से मिल रही जानकारी के मुताबिक तेज प्रताप लालू को मजबूत करने में लगे हैं. साल 2024 तक पंचायत और बूथ स्तर तक राजद के लिए ये संगठन सहयोग का काम करेगा. तेज प्रताप बीजेपी के आनुशांगिक संगठनों की तर्ज पर इसे बना रहे हैं. इसे राजद से अलग देखना ठीक नहीं होगा. वहीं प्रमोद दत्त कहते हैं, दोनों संगठनों में टकराव होगा. 

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उद्धव की तस्वीर और लड़ाई बिहार में शुरू हो जाएगी
2024 में तेज खुद को मजबूत बनाकर राजद की सीटों पर दावा ठोक सकते हैं. कुल मिलाकर महाराष्ट्र के राज और उद्धव की तस्वीर और लड़ाई बिहार में शुरू हो जाएगी. 2024 में तेज अपने संगठन की ओर से राजद पर दवाब बना सकते हैं कि उनके कैंडिडेट को टिकट दिया जाए, जो लालू के लिए मुसीबत होगी.

तेज प्रताप ने जनशक्ति परिषद का गठन किया था
जब तेज प्रताप ने जनशक्ति परिषद का गठन किया था. उस समय उनके चहेते आकाश यादव को राजद छात्र अध्यक्ष पद से हटाकर गगन यादव को पद दे दिया गया. उसके बाद से तेज प्रताप ने अपने संगठन को विस्तार देना शुरू किया. इधर तेज के राजनीतिक संगठन बनाने के विरोध में एक छात्र बबलु सम्राट ने छात्र जनशकित परिषद छोड़ दिया था. उसके बाद तेज ने उसमें से छात्र हटाकर उसे राजनीतिक संगठन का रूप दिया. जो राजद के लिए बाद में मुश्किल खड़ा करेगा.
 

 

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