
बिहार में शराबबंदी के बाद पहली बार होली मनाई जाएगी. इस मौके पर शराब की मांग को पूरा करने के लिए अवैध शराब की तस्करी में इजाफा देखा गया है और पुलिस भी उनकी धर-पकड़ में जोरशोर से जुटी है. यूं तो बिहार में शराबबंदी के बाद से ही नेपाल के शराब कारोबारियों की चांदी है और रक्सौल बोर्डर से सटे बीरगंज के शराब कारोबारियों की मानें तो होली के मौके पर उनका कारोबार करीब 40 से 50% तक बढ़ गया है.
नेपाल से शराब की मांग बढ़ने के कारण वहां वर्षों से बंद कई शराब फैक्ट्रियां फिर से चालू कर दी गई हैं. हांलाकि बिहार में शराबबंदी को देखते हुए नेपाल सरकार ने शराब कानून को सख्त करने के साथ ही कीमतों में 15% की बढ़ोतरी भी की है. हालांकि इसके बावजूद वहां शराब की बिक्री बढ़ गई है.
नेपाल के पर्सा जिले के बीरगंज मदिरा व्यवसायी संघ के अध्यक्ष रामाधार का कहना है कि नेपाल में शराब बनाने वाली 50 फैक्ट्रियां है, जिसमें से 25 बंद थी, लेकिन बिहार में शराबबंदी के बाद ये फैक्ट्रियां फिर से चलने लगी हैं. रामाधार का कहना है कि वे सीमाई इलाके में रहते हैं और वहां बिहार से जो भी लोग आते हैं, वे सगे-संबंधियों के घर जाकर खुद तो पीते ही हैं, इसके साथ दो-चार बोतल लेकर भी जाते हैं.
बीरगंज नगरपालिका इलाके में शराब की 3000 से ज्यादा छोटी-बड़ी दुकानें खुल गई हैं. हांलाकि नेपाल सरकार ने सुबह 5 बजे से शाम 7 बजे तक शराब की खरीद-बिक्री पर रोक लगा रखी है, लेकिन उसका कोई खास असर नहीं दिखता. नेपाल सरकार के इस नियम पर रामाधार कहते हैं, 'सूर्य अस्त, नेपाल मस्त वाली कहावत आपने सुनी ही होगी. यह बस हल्ला है... यहां शराब पीने का कोई समय नहीं, जिसे जब शराब मिलती है, लोग पीने लगते है.'
हांलाकि पर्सा जिले के जिलाधिकारी केशवराज घिमरे ने जिले में बिहार सीमा से सटे 500 मीटर तक के दायरे में शराब की खरीद-बिक्री और सेवन पर रोक लगा रखी है, लेकिन बाकी जगहों में ऐसी कोई रोक नहीं. वहीं बिहार से सटी नेपाल की 750 किलोमीटर की खुली सीमा पर एसएसबी के जवान तैनात हैं, लेकिन शराब तस्करों की आवाजाही रोकना उनके लिए भी बहुत मुश्किल साबित होता है. ऐसे में नेपाल से अवैध शराब की जमकर सप्लाई हो रही है.