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बिहार: BJP प्रदेश अध्‍यक्ष ने पुलिस की चुस्‍ती-जहरीली शराब का बताया ये कनेक्‍शन, कहा-शराबबंदी की हो समीक्षा

Bihar liquor ban: बिहार (Bihar) में शराब बंदी (Liquor Ban in Bihar) को एक लंबा अर्सा हो गया है , ऐसे में इस शराबबंदी की समीक्षा की जरूरत है. ये बात बीजेपी बिहार (BJP bihar) प्रदेश अध्‍यक्ष संजय जायसवाल (Dr. Sanjay Jaiswal) ने कही है.

बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्‍यक्ष संजय जायसवाल (फोटो: ट्विटर ) बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्‍यक्ष संजय जायसवाल (फोटो: ट्विटर )
रोहित कुमार सिंह
  • पटना ,
  • 07 नवंबर 2021,
  • अपडेटेड 12:23 AM IST
  • बिहार में शराबंदी पर बीजेपी सांसद ने दी दलील
  • बोले- शराबंदी कानून की हो एक बार समीक्षा

Bihar Liquor Ban News: बिहार बीजेपी (Bihar BJP) के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल (Dr. Sanjay Jaiswal) ने शराबबंदी कानून (Liquor ban law) की समीक्षा की मांग की है. उन्होंने कहा कि इस कानून को हर हालत में एक बार रिव्‍यू करने की आवश्यकता है.

इसके साथ ही बीजेपी ने प्रदेश अध्यक्ष ने एक और चौंकाने वाला बयान दिया है, उन्होंने कहा कि जहां पुलिस चुस्त है, वहीं जहरीली शराब की घटना हो रही है क्योंकि लोकल स्तर और 2 नंबर का काम करने वाले पुलिस के डर से चोरी छिपे लोकल शराब बनाते हैं. दूसरी तरफ वे ये भी कहते है कि पुलिस प्रशासन की वजह से शराबबंदी फेल हो रही है. 

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संजय जायसवाल पश्चिमी चंपारण लोकसभा क्षेत्र के सांसद है. उनके संसदीय क्षेत्र की 6 विधानसभा पश्चिमी चंपारण में और 3 पूर्वी चंपारण में आती हैं. पश्चिमी चंपारण में जहरीली शराब की दो घटनाएं हो चुकी है एक जुलाई में और दूसरी अभी नवंबर में हुई थी. 

पूर्वी चंपारण में शराब का कारोबार

पूर्वी चंपारण में अभी तक ऐसी कोई घटना नहीं घटी है. इस बारे में संजय जायसवाल ने तर्क दिया कि पूर्वी चंपारण में पुलिस प्रशासन के सहयोग से शराब का कारोबार होता है, इसलिए वहां ऐसी घटनाएं नहीं हो रही है. पूर्वी चंपारण में  लोगों को एक नंबर की शराब मिल रही है. 

उन्होंने ये भी कहा कि पश्चिमी चंपारण के पुलिस अधीक्षक और पुलिस बहुत मेहनत करते हैं. उन्‍होंने कहा कि बिहार के कई जिले ऐसे हैं, जहां अभी तक जहरीली शराब की घटनाएं नहीं हुई है. जहरीली शराब लोकल स्तर पर सस्ती शराब होती है, जिसमें स्प्रिट की मात्रा ज्यादा होने पर ये जानलेवा हो जाती है.  संजय जयसवाल ने ये भी कहा कि शराबबंदी को जहरीली शराब कांड को नहीं जोड़ा जा सकता. जिस राज्य में शराबबंदी नहीं है, वहां भी जहरीली शराब की घटनाएं होती हैं. 

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उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिलाओं की मांग पर शराबबंदी को लागू किया था.  लेकिन इसे लागू हुए 5-6 वर्ष हो गए हैं, इसलिए इसकी समीक्षा जरूरत है. हालांकि नीतीश कुमार ने जब 2016 में शराबबंदी लागू की थी तब बीजेपी ने विपक्ष रहते हुए इस कानून का समर्थन किया था. 

 

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