
शराबबंदी वाला बिहार पिछले साल के अंत में जहरीली शराब के सेवन से हुई मौतों के कारण सुर्खियों में रहा. छपरा में 60 से अधिक लोगों की जान चली गई तो सीवान और बेगूसराय में भी मौतें हुई थीं. शराबबंदी वाले बिहार में जहरीली शराब के तांडव पर सियासत भी खूब हुई. सीएम नीतीश ने तेवर दिखाए तो वहीं विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) भी आक्रामक मोड में नजर आई. प्रशासन ने भी जहरीली शराब पर लगाम लगाने के लिए सख्त कदम उठाने की बात कही लेकिन हालात जस के तस हैं.
बिहार के यूपी और नेपाल की सीमा से सटे कुछ जिले लगातार जहरीली शराब के सेवन से मौत का तांडव देख रहे हैं. ताबड़तोड़ छापों के बावजूद शराबबंदी वाले बिहार में कुछ जिले लिकर जोन बन गए हैं. छपरा-सीवान और बेगूसराय में जहरीली शराब के सेवन से मौतों का मामला अभी अधिक पुराना भी नहीं हुआ था कि जहरीली शराब का तांडव एक बार फिर से देखने को मिला है. मामला सीवान जिले का है. सीवान के भोपतपुर इलाके में जहरीली शराब के सेवन से अब तक पांच लोगों की मौत हो गई है जबकि सात लोगों का उपचार अस्पताल में चल रहा है.
पुलिस ने इस मामले में मुख्य आरोपी संदीप चौहान, उसके भाई दीपक समेत 16 आरोपियों को पकड़ने का दावा किया है. पुलिस के मुताबिक संदीप सैनिटाइजर बनाने के लिए पश्चिम बंगाल के कोलकाता से स्प्रिट लाया था और सीवान के पांच लोगों को इसकी आपूर्ति की थी. उसी का इस्तेमाल कर शराब बनाया गया था. आरोपियों से पूछताछ की जा रही है.
सीवान पुलिस के मुताबिक स्प्रिट की आपूर्ति करने वाले को पकड़ने के लिए बिहार पुलिस की एक टीम कोलकाता रवाना हो गई है. एडीजी ने इसे लेकर कहा कि जहरीली शराब के कारोबार में शामिल आरोपियों की धरपकड़ के लिए छापेमारी की जा रही है. जहरीली शराब के सेवन से मौत की घटनाएं बिहार में तब हो रही हैं, जब सूबे में शराब की खरीद-बिक्री और सेवन पर पूर्ण प्रतिबंध है.
यूपी और नेपाल से सटे जिले बनते जा रहे लिकर हब
बिहार के उत्तर प्रदेश और नेपाल की सीमा से सटे जिले लिकर हब बनते जा रहे हैं. छपरा में पिछले ही महीने जहरीली शराब के सेवन से 60 से अधिक लोगों की जान चली गई थी. छपरा जिला भी उत्तर प्रदेश के साथ सूबे की सीमा पर स्थित है. सीवान को भी सरयू नदी यूपी से अलग करती है. सूबे के गोपालगंज, कैमूर के साथ ही पश्चिम बंगाल और नेपाल से सटे सीमावर्ती जिले लिकर हब के रूप में सामने आए हैं. इनमें सीतामढ़ी, अररिया जैसे जिले भी शामिल हैं.
पुलिस-प्रशासन डाल-डाल, शराब माफिया पात-पात
बिहार पुलिस ने शराब तस्करी रोकने के लिए, शराब के सेवन पर लगाम लगाने के लिए छपरा में हुए जहरीली शराब कांड के बाद चौकसी बढ़ाई है. शराब तस्करी पर लगाम लगाने के लिए पुलिस जहां डाल-डाल चल रही है तो वहीं शराब माफिया पात-पात. पुलिस मुख्य मार्गों पर अतिरिक्त चौकसी बरत रही है तो माफिया शराब तस्करी के लिए गलियों, कच्चे रास्तों और जल मार्ग का सहारा लेने लगे हैं.
इन्हीं नए रास्तों से यूपी के साथ ही नेपाल के सीमावर्ती जिलों में शराब पहुंच रही है. बिहार के पुलिस-प्रशासन की ओर से पूर्ण शराबबंदी को सफल बनाने के लिए तस्करों पर सख्ती का नकारात्मक पहलू ये है कि कई शराब माफिया जो शराब की तस्करी में संलिप्त रहे हैं, शराबियों के भरोसे का फायदा उठाते हुए खुद ही यूरिया और अन्य जानलेवा केमिकल का इस्तेमाल कर शराब बनाने लगे हैं. ऐसी शराब का सेवन कर लोग असमय ही काल के गाल में समा रहे. हाल ही में आजतक ने स्टिंग ऑपरेशन कर नाव पर शराब बनाकर सप्लाई करने वाले ऐसे ही मॉड्यूल का खुलासा किया था.