
बिहार में जहरीली शराब से हुई मौतों के बाद मुआवजे के सवाल पर सियासत जारी है. एक तरफ भारतीय जनता पार्टी (BJP) मृतकों को मुआवजा देने की मांग कर रही है तो वहीं JDU के मुखिया और बिहार के CM नीतीश कुमार लगातार मुआवजा देने से इनकार कर रहे हैं. उनका कहना है कि मुआवजा देने से बिहार में शराबबंदी का उद्देश्य ही विफल हो जाएगा.
पीड़ितों को मुआवजा देने की मांग करते हुए भाजपा सांसद सुशील मोदी ने कहा, '2018 में सीएम नीतीश कुमार ने कहा था कि अगर शराब मौत का कारण साबित हुई तो मुआवजा दिया जाएगा. उन्होंने जहरीली शराब पीड़ितों के परिजनों को 4 लाख रुपये देने का वादा किया था.' सुशील मोदी ने सवाल किया कि जब खजुरबानी जहरीली शराब त्रासदी में पीड़ितों के परिजनों को मुआवजा दिया गया तो सारण त्रासदी में क्यों नहीं?
सुशील मोदी ने आगे कहा कि आबकारी और प्रावधान अधिनियम के मुताबिक नीतीश कुमार को सारण शराब त्रासदी पीड़ितों के परिवारों को मुआवजा देना होगा. भाजपा इन लोगों को मुआवजा दिलाने के लिए किसी भी हद तक जाएगी. नीतीश कुमार की सरकार में डिप्टी सीएम रहे सुशील कुमार मोदी ने दावा किया कि उनके पूर्व बॉस (नीतीश) जिद्दी हैं. शराब त्रासदी के पीड़ितों को मुआवजे के लिए शराबबंदी कानून में प्रावधान है.
पूर्व डिप्टी CM ने 2016 के बिहार आबकारी अधिनियम के एक खंड का हवाला दिया और कहा कि संदिग्ध नकली शराब के सेवन से मरने वालों के परिवार के सदस्यों को चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने पर विचार किया जा सकता है. जबकि बीमार होने वालों को 40,000 रुपए मिल सकते हैं.
क्या है पूरा मामला
सारण जहरीली शराब त्रासदी में 70 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. बिहार में अप्रैल 2016 में शराबबंदी लागू होने के बाद से यह सबसे बड़ी घटना है. हालांकि, विपक्ष में बैठी भाजपा मरने वालों की तादाद 100 से ज्यादा होने का दावा कर रही है. अगस्त से विपक्ष में बैठी भाजपा विधानसभा में चल रहे शीतकालीन सत्र में जहरीली शराब त्रासदी का मामला उठा रही है और पीड़ितों के लिए मुआवजे की मांग को लेकर सड़कों पर उतर रही है. हालांकि, मुख्यमंत्री लगातार मुआवजा देने से इंकार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मुआवजा शराबबंदी के उद्देश्य को विफल कर देगा. राज्य की महिलाओं की मुखर मांग के बाद सभी दलों के बीच आम सहमति से शराबबंदी का फैसला लिया गया था.
शराब तस्कर गिरफ्तार
इस मामले में पुलिस की एसआईटी टीम ने सारण में अखिलेश राय उर्फ अखिलेश कुमार यादव नाम के एक शराब तस्कर को गिरफ्तार किया है. अखिलेश के पास से शराब कारोबार से जुड़ा 2,17000 कैश और अहम दस्तावेज बरामद हुए हैं. इससे पहले भी अखिलेश पर उत्पाद अधिनियम के तहत 4 केस दर्ज हो चुके हैं. आरोपी पर जहरीली शराब कांड में मशरक और इसुआपुर में भी अलग-अलग दो केस दर्ज हुए हैं.