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भगवान हनुमान ने नहीं चुकाया 4 लाख का प्रॉपर्टी टैक्स, नगर निगम ने भेजा नोटिस

भगवान श्री राम के भक्त हनुमान मुश्किलों में फंस गए हैं. उन्हें नगर निगम का चार लाख 33 हजार रुपये के बकाएदार बनाया गया है. बिहार के आरा शहर के नगर निगम ने बकाए को लेकर उनके खिलाफ नोटिस जारी करने का फैसला किया है.

हनुमान ने नहीं चुकाया प्रॉपर्टी टैक्स हनुमान ने नहीं चुकाया प्रॉपर्टी टैक्स
लव रघुवंशी
  • आरा,
  • 24 अप्रैल 2016,
  • अपडेटेड 3:37 PM IST

भगवान श्री राम के भक्त हनुमान मुश्किलों में फंस गए हैं. उन्हें नगर निगम का चार लाख 33 हजार रुपये के बकाएदार बनाया गया है. बिहार के आरा शहर के नगर निगम ने बकाए को लेकर उनके खिलाफ नोटिस जारी करने का फैसला किया है.

भगवान को बार-बार भेजी सूचना
रुपये नहीं चुकाए जाने के कारण आरा नगर निगम भगवान हनुमान को नोटिस जारी करने की तैयारी में है. नगर निगम के एक अधिकारी के अनुसार, हनुमान को नोटिस भेजने की तैयारी की जा रही है. हनुमान नगर निगम का बकाया नहीं चुका पा रहे हैं. इस कारण उनके खिलाफ नोटिस जारी किया जाएगा. बार-बार सूचना भेजने पर भी वो बकाया नहीं चुका रहे हैं.

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इसी बीच यहां के मेयर सुनील कुमार ने कहा कि नोटिस ट्रस्ट के नाम पर जारी किया गया है, हनुमान जी के नाम पर नहीं.

हनुमान के नाम पर तीन होल्डिंग
हनुमान पर नगर निगम का चार लाख 33 हजार रुपये बकाया है. नगर निगम टैक्स जमा करने के लिए पूर्व में उन्हें दो बार सूचना दे चुका है. उनके नाम पर वार्ड नंबर-37 में तीन होल्डिंग हैं. 587 नंबर होल्डिंग पर 3.17 लाख रुपये, होल्डिंग नंबर- 607 पर 94 हजार रुपये और होल्डिंग नंबर 624 पर 22 हजार रुपये बकाया है.

बकाया नहीं देने पर नाम होगा सार्वजनिक
भगवान हनुमान अगर इसके बाद भी टैक्स नहीं भर पाए तो शहर के विभिन्न स्थानों पर उनके होर्डिंग लगाकर उनका नाम सार्वजनिक किया जाएगा. आरा नगर निगम आयुक्त प्रमोद कुमार का कहना है कि टैक्स होल्डर के नाम से नोटिस भेजने का नियम है.

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नगर निगम के नियम के मुताबिक जिसके नाम पर होल्डिंग है, बकाये की वसूली भी उसे से की जाएगी. इसी नियम के तहत रजिस्टर में मंदिर प्रबंधन की जगह भगवान हनुमान का नाम दर्ज है.

इससे पहले, जनवरी में सीतामढ़ी के एक अधिवक्ता ने भगवान राम के खिलाफ परिवाद पत्र दाखिल किया था, जिसमें भगवान राम पर अपनी पत्नी सीता को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया गया था. हालांकि बाद में न्यायालय ने इस परिवाद पत्र को खारिज कर दिया था.

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