
बिहार में महागठबंधन की तस्वीर गुरुवार को सामने आ सकती है. शाम 4:00 बजे कांग्रेस मुख्यालय पर महागठबंधन की बैठक प्रस्तावित है, इसमें तेजस्वी यादव, जीतन राम मांझी समेत कई दल हिस्सा ले सकते हैं. यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि एनडीए छोड़ चुके उपेंद्र कुशवाहा औपचारिक तरीके से महागठबंधन में शामिल होंगे. महागठबंधन के नेता जीतन राम मांझी ने आज तक से बातचीत करते हुए इसकी पुष्टि की है. हालांकि सीटों को लेकर आज कोई चर्चा नहीं होगी और महागठबंधन के सूत्रों की माने तो खलमास यानी मकर संक्रांति के बाद महागठबंधन की जो बैठक होगी, उसमें सीट शेयरिंग फॉर्मूला लाया जाएगा और जनवरी के तीसरे सप्ताह में महागठबंधन के सभी दलों के लिए सीटों का ऐलान होगा.
महागठबंधन में कुशवाहा की एंट्री, सीटों का फॉर्मूला तय
आजतक से बातचीत करते हुए जीतन राम मांझी ने कहा कि एनडीए को हराने के लिए जो भी दल सामने आएंगे. हम उनका स्वागत करते हैं, लेकिन अगर उपेंद्र कुशवाहा पहले आते तो महागठबंधन की ताकत और बढ़ जाती. वहीं चिराग पासवान द्वारा संकेत दिए जाने के सवाल पर मांझी ने कहा कि एनडीए को हराने के लिए जो भी हमारे साथ आना चाहे उसका स्वागत है लेकिन सीटों की सहमति महागठबंधन में बैठक के बाद होगी.
मांझी ने यह भी कहा कि 3 राज्यों में विजय के बाद कांग्रेस की स्थिति मजबूत हुई है और आने वाले समय में लोग एक बार फिर कांग्रेस का रुख करेंगे. हालांकि स्टालिन द्वारा राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने के सवाल पर मांझी ने कहा कि यह सब चुनाव के बाद महागठबंधन की बैठक में तय किया जाएगा कि नेता कौन होगा.
जेडीयू ने ली चुटकी
वहीं, इस महागठबंधन पर चुटकी लेते हुए बिहार में जेडीयू कोटे से मंत्री संतोष निराला ने कहा कि इससे और उपेंद्र कुशवाहा का इसका हिस्सा बनने से बिहार में इनकी कोई ताकत बढ़ने वाली नहीं है. आजतक से बातचीत करते हुए निराला ने कहा कि जीतन राम मांझी खुद स्थिर नहीं है. वहीं पासवान खेमे से आ रहे संकेतों पर जेडीयू नेता ने कहा कि नीतीश कुमार और रामविलास पासवान के बीच आपसी समन्वय है और उनमें कहीं भी कोई विवाद नहीं है, ऐसे में एनडीए को चिंता करने की जरूरत नहीं है. आज की बैठक पर चुटकी लेते हुए संतोष निराला ने कहा कि जो तस्वीर सामने दिख रही है उससे कहीं ज्यादा भीतरघात अंदर की ओर है क्योंकि सीट बंटवारे पर इनमें सहमति नहीं बन पाएगी.